राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का जम्मू-कश्मीर की सरकार को निर्देश, जानिए किस मामले में 3-3 लाख रुपये मुआवजा देने को कहा
ऊधमपुर जिला के रामनगर में घटिया दवाई पीने से बच्चों की मौत के मामले के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक अहम फैसले में जम्मू-कश्मीर सरकार को निर्देश दिए है कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को तीन तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । ऊधमपुर जिला के रामनगर में घटिया दवाई पीने से बच्चों की मौत के मामले के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक अहम फैसले में जम्मू-कश्मीर सरकार को निर्देश दिए है कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को तीन तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजूरिया की शिकायत पर आयोग ने यह फैसला सुनाया है।
दिसंबर 2019- जनवरी 2020 में रामनगर में खांसी की घटिया दवाई पीने से 11 बच्चों की मौत हो गई थी। सुकेश खजूिरया ने मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार के समक्ष उठाया। आयोग ने आज सोमवार को अपने फैसले में जम्मू-कश्मीर सरकार को आदेश दिए कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को तीन-तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और छह सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट पेश की जाए। इससे पहले आयोग ने जम्मू-कश्मीर सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
खजूरिया ने आयोग के पास शिकायत दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया था कि खांसी की एक दवाई पीने से रामनगर में बच्चों की मौतें हुई हैं। यह आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों की लापरवाही से ही मौतें हुई हैं। आयोग ने 11 जून 2020 को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। एक जुलाई 2020 को जम्मू-कश्मीर सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आयाेग को रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया कि ड्रग एंड फूड कंट्रोलर आर्गेनाइजेशन ने मामले की जांच की। विशेष दवाई के 33 सैंपल लिए गए और आइआइआइएम जम्मू ने 22 फरवरी 2020 को फाइनल टेस्ट रिपोर्ट सौंपी।
मामले में एफआइआर दर्ज की गई। आयोग ने रिपोर्ट पर गौर करने के बाद पाया कि जम्मू-कश्मीर के ड्रग विभाग की नाकामी है कि विभाग बाजार में बिकने वाली दवाई की गुणवत्ता को जांचने में विफल रहा है। आयाेग ने इस मामले को मुआवजे के उचित पाया। आयोग ने संबंधित कानून के प्रावधानों के तहत जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर कहा था कि आयोग क्यों न इस मामले में पीड़ित परिवारों को तीन-तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश जारी करें और जम्मू-कश्मीर सरकार चार सप्ताह में जवाब दे। आयोग ने 11 मार्च 2021 तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करे।