कश्मीर में हर तरफ दिखा तिरंगा, 1145 शैक्षणिक संस्थानों, 2319 पंचायत हल्कों में मनाया गणतंत्र दिवस
राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत देर शाम तक वादी में गूंजते सुनाई दिए। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस कश्मीर संभाग में 72 डिग्री कॉलेजों 358 हायर सेकेंडरी स्कूलों 715 हाई स्कूलों के अलावा 137 सामुदायिक ब्लॉक और 2182 पंचायत हलकों में मनाया गया।
श्रीनगर, जेएनएन : सच मेें अब कश्मीर पहले जैसा नहीं रह गया है। हर दिन कश्मीर में बदलाव देखने को मिल रहा है। यहां के लोग भी खुश हैं। अब यहां न तो पत्थरबाजी होती है और न ही राष्ट्र पर्व को लेकर जबरन कश्मीर बंद किया जाता है। गणतंत्र दिवस हो या फिर देश की आजादी का पर्व, देश के दूसरे राज्यों की तरह कश्मीर में भी ये पर्व उसी खुशी व उत्साह के साथ मनाते हुए देखे जा सकते हैं।
गणतंत्र दिवस की ही बात करें तो कश्मीर संभाग का शायद ही कोई ऐसा इलाका हो जहां राष्ट्रीय ध्वज पूरे सम्मान के साथ फहराया न गया हो। हर सरकारी इमारत, स्कूल, पंचायत हल्के, सामुदायिक भवन में राष्ट्रीय सम्मान के साथ तिरंगा फहराया गया। यही हीं इस अवसर पर आयोजित समारोह में आसपास रहने वाले लोगों खासकर बच्चों ने भी शिरकत की। इन्हें न तो आतंकवादी धमकियों-हमलों का डर था और न ही अलगाववादी नेताओं के फरमान की परवाह। बच्चों ने इस पर्व पर राष्ट्र भक्ति पर आधारित कई कार्यक्रम भी आयोजित किए।
गणतंत्र दिवस समारोह की यह धूम कश्मीर संभाग में लगभग पूरे दिन ही देखने को मिली। राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत देर शाम तक वादी में गूंजते सुनाई दिए। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस कश्मीर संभाग में 72 डिग्री कॉलेजों, 358 हायर सेकेंडरी स्कूलों, 715 हाई स्कूलों के अलावा 137 सामुदायिक ब्लॉक और 2182 पंचायत हलकों में मनाया गया। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान स्कूलों के प्रिसिंपल, संस्थान प्रमुखों ने राष्ट्रगान के बीच पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान प्रतिभागियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति के गीत भी प्रस्तुत किए।
आपको यह भी बता दें कि कश्मीर संभाग में गणतंत्र दिवस पर आयोजित इस तरह के सैकड़ों कार्यक्रमों में करीब 84990 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। आतंकवाद के गढ़ कहे जाने वाले जिला शोपियां में भी गणतंत्र दिवस समारोह पर आयोजित कार्यक्रमों में सैकड़ों स्थानीय लोग शामिल हुए। यहां कार्यक्रम में पहुंचे हैदर अली ने कहा कि आम लोग कभी भी नहीं कहते कि वे भारत के नागरिक नहीं हैं। यह राजनीतिक या फिर अलगाववादियों के बयान हैं। कश्मीर की आम जनता सिफ अमन और शांति चाहती है। दो दो सालों में कश्मीर में जो बदलाव आया है, कश्मीर के लोग उससे खुश हैं। कश्मीर तरक्की की राह पर चल रहा है। हमें बस यही चाहिए।