जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में बिना गठजोड़ पूर्णबहुमत की सरकार बनाएगी नेशनल कांफ्रेंस: राणा
जनता को समझ आ चुका है कि नेशनल कांफ्रेंस ही एक एेसी पार्टी है जो राज्य का उत्थान कर सकती है। जनता के इसी विश्वास के चलते नेशनल कांफ्रेंस एक बार फिर 1996 के परिणाम दोहराएगी।
जम्मू, जागरण संवाददाता। नेशनल कांफ्रेंस के संभागीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने दावा किया है कि विधानसभा चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस किसी गठजोड़ के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। सरकार बनाते ही सबसे पहले रीजनल काउंसिल बनाएगी ताकि तीन संभागों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके बराबर हक मिलें। संसदीय चुनावाें में भारतीय जनता पार्टी की जीत को मोदी की जीत बताते हुए राणा ने कहा कि मोदी की लोकप्रियता और उनके कार्य ही थे, जिस कारण जम्मू से भारतीय जनता पार्टी को दो सीटें मिल गई। अपने आप को जम्मू के हितों का संरक्षक कहने वाले यहां के भाजपा नेता कोई ऐसे दस काम बता दें जो उन्होंने जम्मू के हित की रक्षा के लिए किए हों।
राणा ने कहा कि पीडीपी नेतृत्व वाली पिछली सरकार में भाजपा की 25 विधायक थे लेकिन इन्होंने जम्मू के हित के लिए कोई ठोस काम नहीं किया। अब भाजपा हिन्दू मुख्यमंत्री बनाने के दावे कर रही है। लेकिन जब इन्होंने पीडीपी के साथ गठजोड़ किया तो उस समय तीन-तीन साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने की बात तक नहीं की। जब सरकार गिरी तो कश्मीर की दूसरी पार्टी का समर्थन कर उनका मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश राज्यपाल तक को कर डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 व 35-ए को लेकर भाजपा जनता को गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा कि जनता को समझ आ चुका है कि नेशनल कांफ्रेंस ही एक एेसी पार्टी है जो राज्य का उत्थान कर सकती है। जनता के इसी विश्वास के चलते नेशनल कांफ्रेंस एक बार फिर 1996 के परिणाम दोहराएगी। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस चुनावों के लिए पहले भी तैयारी थी और अब भी तैयार है। हमने तो संसदीय चुनावों के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के लिए कहा था लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया यह चुनाव आयोग बेहतर जानता है। लोकतंत्र की बहाली के लिए जरूरी है कि जल्द से जल्द चुनाव करवाए जाएं।
यह पूछे जाने पर कि क्या नेशनल कांफ्रेंस अकसर केंद्र सरकार के साथ गठजोड़ करती रही है, ऐसे में क्या इस बार नेकां और भाजपा का कोई गठजोड़ हो सकता है। इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से इस तरह के जुमले छोड़े जा रहे हैं। नेकां किसी के साथ कोई गठजोड़ नहीं करने जा रही। कांग्रेस के साथ संसदीय चुनावों में हुए गठजोड़ को भी उन्होंने मात्र चुनावों तक सीमित करार देते हुए कहा कि यह मात्र स्ट्रेटिजिक पोल अरेंजमेंट था। हमें किसी की बैसाखियों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पीडीपी के चुनाव परिणामों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी कभी समाप्त नहीं होती। परिणाम ऊपर नीचे हो सकते हैं। इंदिरा गांधी के दौरान भी एक समय ऐसा आया था जब लगता था कि कांग्रेस का वजूद समाप्त हो जाएगा लेकिन इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एक बार फिर पूरी शक्ति के साथ आगे आई।
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