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नेकां प्रवक्ता ने कहा, लोकतंत्र की बहाली के लिए रिहा किए जाएं सभी राजनीतिक नेता

उमर व महबूबा को एहतियातन हिरासत में रखा गया है जबकि डाॅ फारुक अब्दुल्ला को पीएसए के तहत बंदी बनाया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 04:10 PM (IST)
नेकां प्रवक्ता ने कहा, लोकतंत्र की बहाली के लिए रिहा किए जाएं सभी राजनीतिक नेता
नेकां प्रवक्ता ने कहा, लोकतंत्र की बहाली के लिए रिहा किए जाएं सभी राजनीतिक नेता

जम्मू, राज्य ब्यूरो। नेशनल कांफ्रेंस ने मंगलवार को केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को पूरी तरह बहाल करने और हालात सामान्य बनाने के लिए मुख्यधाारा से संबधित सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई का आग्रह किया। नेकां प्रवक्ता ने कहा कि आज पांच नवंबर को जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत प्राप्त अधिकार और एकीकृत जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित किए जाने के तीन माह पूरे हो चुके हैं।

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यहां जारी एक बयान में प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर घाटी में प्रशासनिक पाबंदियों के भी तीन माह पूरे हो गए हैं। आज 90 दिन बाद भी कश्मीर में लोग इंटरनेट और मोबाइल फोन की निर्विघ्न सेवा को बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं। देश के अन्य भागों में लोग इन सुविधाओं का बिना किसी रुकावट लाभ ले रहे हैं। कश्मीर में लोगों को मोबाइल पर एसएमएस की सेवा से भी वंचित किया गया है।

सनद रहे कि पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किए जाने के मद्देनजर राज्य में हालात को सामान्य बनाए रखने के लिए प्रशासन ने नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी प्रमुख नेताओं को एहितयातन हिरासत में लिया या फिर नजरबंद बनाया। इनमें से अधिकांश नेता फिलहाल एहतियातन हिरासत में ही हैं। राज्य के चार में से तीन पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी पांच अगस्त की सुबह से ही बंद हैं। उमर व महबूबा को एहतियातन हिरासत में रखा गया है जबकि डाॅ फारुक अब्दुल्ला को पीएसए के तहत बंदी बनाया गया है।

नेकां ने अपने बयान में कहा है कि आज भी सैंकड़ों की तादाद में कश्मीर में लोगों को हिरासत में रखा गया है। इनमें से कइयों को राज्य के बाहर की जेलों मे स्थानांतरित किया गया। उनके परिजनों को इसकी वजह से कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हमारा केंद्र सरकार से आग्रह है कि कश्मीर में हालात को पूरी तरह सामान्य बनाने और लोकतांत्रिक व राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए मुख्यधारा की राजनीति से संबधित सभी राजनीतिक लोगों को रिहा किया जाए। डाॅ फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी समेत राज्य के तीनों पूर्व मुख्यमंत्री तत्काल रिहा किए जाने चाहिए।


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