Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एजेंडा जानने के बाद ही परिसीमन आयोग की बैठक में हिस्सा लेंगे नेशनल कांफ्रेंस के सांसद, आयोग को लिखा पत्र

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Sun, 12 Dec 2021 05:22 PM (IST)

    आयोग ने बीस दिसंबर को नई दिल्ली में अपने सहयोगी सदस्यों की बैठक बुलाई है। आयोग के पांच सहयोगी सदस्य हैं जो जम्मू-कश्मीर के पांच लोकसभा सांसद हैं। इनमें नेशनल कांफ्रेंस के तीन सांसद हैं जो सभी कश्मीर घाटी से हैं। भाजपा के दो सांसद जम्मू संभाग से हैं।

    Hero Image
    नेशनल कांफ्रेंस ने रविवार को परिसीमन आयोग से बैठक से पहले एजेंडा उपलब्ध कराने को कहा

    जम्मू, राज्य ब्यूरो : नेशनल कांफ्रेंस के सांसदों ने फैसला किया है कि परिसीमन आयोग की बैठक में वे तभी हिस्सा लेंगे, जब उन्हें पहले एजेंड पता चलेगा। लिहाजा नेशनल कांफ्रेंस ने रविवार को परिसीमन आयोग से बैठक से पहले एजेंडा उपलब्ध कराने को कहा ताकि पार्टी के सांसद कुछ तय कर पाएं। आयोग ने बीस दिसंबर को नई दिल्ली में अपने सहयोगी सदस्यों की बैठक बुलाई है। आयोग के पांच सहयोगी सदस्य हैं जो जम्मू-कश्मीर के पांच लोकसभा सांसद हैं। इनमें नेशनल कांफ्रेंस के तीन सांसद हैं जो सभी कश्मीर घाटी से हैं। भाजपा के दो सांसद जम्मू संभाग से हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से नेकां के सांसद हसनैन मसूदी ने कहा कि पार्टी ने आयोग को एक लिखित पत्र भेजकर एजेंडा उपलब्ध कराने को कहा है ताकि पार्टी के सांसद यह तय कर सकें कि बैठक में भाग लेना है या नहीं। पत्र मसूदी और उत्तरी कश्मीर के बारामूला से नेकां सांसद मोहम्मद अकबर लोन ने भेजा है। नेकां अध्यक्ष और श्रीनगर के सांसद फारूक अब्दुल्ला इस समय जम्मू में हैं। मसूदी ने कहा कि पार्टी बैठक में शामिल होने पर फैसला लेने से पहले एजेंडे पर गौर करना चाहती है। नेकां सांसद ने कहा कि दोनों सांसदों ने आयोग को यह भी याद दिलाया है कि 17 फरवरी को लिखे गए पार्टी के पत्र पर आयोग की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।

    आयोग की पहली बैठक का नेकां ने किया था बहिष्कार : पार्टी ने सहयोगी सदस्यों के साथ आयोग की पहली बैठक का बहिष्कार किया था और आयोग को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि यह प्रक्रिया जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के तहत की जा रही है, जिसे पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

    पत्र में आयोग से परिसीमन की कार्यवाही को रोकने का आह्वान किया था, क्योंकि यह प्रक्रिया एक अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जा रही है जो न्यायिक जांच के अधीन है। मसूदी ने कहा कि एक बार पार्टी के सांसदों को आयोग से प्रतिक्रिया मिल जाएगी तो वे इसका अध्ययन करेंगे और फिर निर्णय लेंगे। बैठक किस बारे में है, हमें वहां क्या करना है, हमें नहीं पता। हमें कुछ नहीं बताया गया है। इसलिए हमने पत्र लिखा है।