एवरेस्ट से 1600 मीटर दूर खड़ी कश्मीर की बेटी नाहिदा मंजूर
विकास अबरोल, जम्मू मंजिलें उन्हें मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होत
विकास अबरोल, जम्मू
मंजिलें उन्हें मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। हालात और सफर बेशक कितने भी मुश्किल क्यों न हों, लेकिन अगर आप में हौसला हो तो कुछ भी कर सकते हैं। इन्हीं पंक्तियों को सच कर दिखाया है कश्मीर की 20 वर्षीय बेटी नाहिदा मंजूर ने जो विश्व की सबसे ऊंची एवरेस्ट चोटी से मात्र 1600 मीटर की दूरी पर खड़ी होकर उस पल का इंतजार कर रही हैं जब वह इस पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली पहली कश्मीरी महिला पर्वतारोही बन जाएंगी।
नाहिदा मंजूर आठ अप्रैल को नेपाल से 8848 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एवरेस्ट चोटी फतह करने देशभर के आठ अन्य पर्वतारोहियों के साथ निकल पड़ी हैं। 7300 मीटर की ऊंचाई पर अपने साथियों के साथ पहुंच चुकी नाहिदा के कदमों से सफलता मात्र अब कुछ दिन ही दूर खड़ी है। अगर मौसम और भाग्य ने उनका साथ दिया तो अगले सप्ताह उनके नाम के साथ एवरेस्ट नाम का शब्द जुड़ जाएगा।
कश्मीर के •ोवन में छोटी सी दुकान करने वाले मंजूर अहमद पांपौरी की बेटी नाहिदा एवरेस्ट अभियान के लिए पिछले महीने ही लाखों कश्मीरियों की दुआएं लेकर रवाना हुई थीं। विश्व भारती कॉलेज रैनावाड़ी कश्मीर की फाइनल वर्ष की छात्रा नाहिदा का बचपन से ही ख्वाब रहा है कि वह बड़ी होकर एक लड़के की तरह अपने मां-बाप का नाम समूचे विश्व में रोशन करे। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गईं, उनके मन में पहाड़ों पर चढ़ना शौक बन गया और देखते ही यह शौक से कब जुनून बन गया इसका पता ही नहीं चला। पर्याप्त संसाधन न होने के बावजूद उसने कश्मीर में स्थित 3966 मीटर ऊंची चोटी महादेव भी फतह की। वह इस पर चढ़ाई करने वाली पहली कश्मीरी महिला पर्वतारोही हैं।
नाहिदा मंजूर खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल और राइफल शूटिग की बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं। वह कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पदक भी जीत चुकी हैं। श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर नौगाम में स्थित कृत्रिम दीवार पर हर सप्ताह तीन दिन कड़ा अभ्यास करती रहीं। उसकी प्रतिभा को देखते हुए ही एनसीसी, श्रीनगर द्वारा उसका चयन उत्तराखंड में स्थित 5975 मीटर ऊंची चोटी स्वर्णरोहिणी चोटी अभियान के लिए किया गया। इस अभियान से ही प्रेरित होकर उन्होंने माउंट एवरेस्ट अभियान पर जाने की मन में ठानी।
कश्मीर की नाहिदा आठ अप्रैल को नेपाल से विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए रवाना हुई हैं। इस अभियान का आयोजन ट्रांजिट एडवेंचर क्लब हैदराबाद कर रहा है। इसमें देशभर से आठ पर्वतारोहियों को चुना गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर की नाहिदा एकमात्र पर्वतारोही हैं। नाहिदा ने मनाली स्थित माउंटेनरिग क्लब से एडवांस कोर्स भी किए हैं। -पैसों की कमी से पहले किया था मना
नाहिदा ने पैसों की कमी की वजह से एवरेस्ट अभियान पर जाने के लिए मना कर दिया था लेकिन बाद में उसके सभी दोस्तों, रिश्तेदारों ने सभी से नाहिदा के सपने को साकार करने के लिए मदद के लिए हाथ बढ़ाने की अपील की थी। उसने कश्मीर के डिप्टी कमिश्नर सहित जेएंडके बैंक के अधिकारियों से भी मदद की अपील की थी लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी। इस दौरान हैदराबाद का ट्रांजिट एडवेंचर क्लब ने मदद के लिए हाथ बढ़ाकर उसे एवरेस्ट अभियान पर जाने के लिए हरसंभव मदद की पेशकश की थी। इसी का नतीजा है कि आज नाहिदा एवरेस्ट फतह के काफी करीब पहुंच चुकी हैं और आने वाले दिनों में वह राज्य और देश के नाम को चार चांद लगाने में कामयाब रहेंगी।
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