Lakhimpur Kheri Violence : इन्द्रेश कुमार ने लखीमपुर घटना की जांच करवाने की मांग की
Lakhimpur Kheri Violence कांग्रेस के नेताओं को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोकने पर उन्होंने कहा कि अगर वह लोग वहां पर शांति स्थापित करने के लिए जा रहे हों तो कोई भी उन्हें वहां जाने से नहीं रोकेगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना की निंदा करते हुए लोगों से शांत बनाए रखने की अपील की। उन्होंने देश कई प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को शपथ लेने की अपील की और चीन तथा पाकिस्तान से भारतीय जमीन पर हुए कब्जे को खाली करने को कहा।
जम्मू में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सदस्य ने कहा कि लखीमपुर खीरी की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे आंदोलन के स्थान पर बातचीत करें ताकि विकास की गतिविधियां चलती रहें। हमें एक सुरक्षित और मजबूत देश चाहिए। उन्होंने कहा कि देश कई प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है। लोगों को भी आपस में शांति व भाईचारा बनाए रखना है।
कांग्रेस के नेताओं को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोकने पर उन्होंने कहा कि अगर वह लोग वहां पर शांति स्थापित करने के लिए जा रहे हों तो कोई भी उन्हें वहां जाने से नहीं रोकेगा। वह लोग तो वहां पर आग में तेल डालने के लिए जा रहे थे। स्थानीय प्रशासन को लगा कि उन्हें इजाजत नहीं आने देना चाहिए। इसी पर प्रशासन ने फैसला किया। सभी को स्थानीय प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के लोगों को अनुच्छेद 370 हटाने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इससे एक राष्ट्र, एक ध्वज और एक संविधान का सपना पूरा हुआ है। महबूबा मुफ्ती का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते थे कि जममू-कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाला कोई भी नहीं मिलेगा, यह लोग अनुच्छेद 370 हटने के बाद गलत साबित हुए। लाखों देश भक्त लोगों ने इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का फिर से दर्जा देने के लिएवचनबद्ध है।
इससे पहले इन्द्रेश कुमार ने भारत-तिब्बत सहयोग मंच जम्मू-कश्मीर द्वारा पाकिस्तान व चीन के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा भी लिया। यह लोग दोनों देशों से भारत की जमीन पर किए कब्जे को खाली करवाने की मांग कर रहे थे।