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मशरूम उत्पादों के लिए खुशखबरी, अब बीज के लिए नहीं होना पड़ेगा दरबदर

मशरूम उत्पादों को ढींगरी मशरूम के बीज जल्द मिलना आरंभ हो जाएंगे जबकि बटन मशरूम के बीज अगले सीजन से किसानों को तैयार मिलेंगे। अब संभाग में मशरूम के बीज की खल रही कमी दूर हो जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 06:00 PM (IST)
मशरूम उत्पादों के लिए खुशखबरी, अब बीज के लिए नहीं होना पड़ेगा दरबदर
मशरूम उत्पादों के लिए खुशखबरी, अब बीज के लिए नहीं होना पड़ेगा दरबदर

जम्मू, गुलदेव राज। मशरूम उत्पादों के लिए खुशखबरी है। जम्मू की स्पान प्रोडक्शन लैब एकदम अाधुनिक हो गई है। इससे मशरूम बीज की पैदावार की क्षमता तीन से चार गुणा बढ़ गई है। मशरूम उत्पादों को ढींगरी मशरूम के बीज जल्द मिलना आरंभ हो जाएंगे जबकि बटन मशरूम के बीज अगले सीजन से किसानों को तैयार मिलेंगे। अब संभाग में मशरूम के बीज की खल रही कमी दूर हो जाएगी। यही नहीं अब बीज के लिए किसानों को बाहरी राज्यों की ओर मुंह नहीं ताकना पड़ेगा।

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लैब में शुरू हो चुका है बीज उत्पादन

अपग्रेड हुई इस लैब में बीज उत्पादन आरंभ हो गया है। ढींगरी मशरूम के सीजन में किसानों को खुलकर बीज उपलबध कराने में कृषि विभाग अब सक्षम हो गया है। अब किसानों को जम्मू में ही बीज उपलब्ध हो सकेगा। कृषि विभाग के मशरूम डेवलपमेंट सेक्शन के अधिकारी अमन ज्योति का कहना है एयर हैंडलिंग यूनिट नया लगाया गया है वहीं दूसरे उपकरण भी लैब में लगाए गए हैं। इससे जम्मू की स्पान प्रोडक्शन लैब एकदम अाधुनिक हो गई है।

बीज उत्पादन क्षमता एक लाख बोतल पहुंची

लैब में अब से बीज उत्पादन की क्षमता 1 साल में 35 हजार बोतल से बढ़कर एक लाख तक पहुंच जाएगी। यानि प्रतिदिन 150 से 200 किलो मशरूम के बीज तैयार हो सकेंगे जोकि पहले 40 किलो तक ही तैयार हो पाते थे। यहां बता दें कि कृषि विभाग में स्पान लैब 1986 में खुली थी, इसके बाद इसमें कोई सुधार नहीं किया गया। ऐसे में बीज उत्पादन की क्षमता धीरे-धीरे घटती गई। वर्तमान समय में महज 25 से 30 हजार बोतल ही बीज तैयार हो पा रहा था। इससे सबसे बड़ा रोष किसानों में दिखा जिनको बीज उपलब्ध नहीं हो पाता था। बीज मंगाने को लेकर इन किसानों का रुझान हिमाचल या पंजाब की ओर रहता था।

किसानों ने कृषि विभाग को सराहा

सौहांजना के किसान बलदेव शर्मा का कहना है कि देरी से ही सही परंतु कृष विभाग का यह कदम सराहनीय है। जम्मू संभाग में एक हजार से अधिक किसान परिवार मशरूम की खेती करते हैं मगर साल दर साल बीज की किल्लत किसानों की राहें मुश्किल बना रही थीं। स्पान प्रोडक्शन लैब के अपग्रेड होने से बीज की पैदावार बढ़ना एक अच्छी खबर है। वहीं किसान देवेंद्र सिंह ने कृषि विभाग के समक्ष यह मांग भी रखी की वह बीजों के दाम में कम करे ताकि किसानों को और ज्यादा राहत मिल पाए।  


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