मेयर व चैयरमैन बनाने के लिए जोड़ तोड़ में भाजपा
कांग्रेस को मेयर बनाने के लिए भाजपा के मुकाबले कम निर्दलीयों का समर्थन चाहिए। भाजपा ने पहली बार कश्मीर में खाता खोलते हुए 12 कमेटियों में चेयरमैन बनाने की तैयारी कर ली है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्थानीय निकाय चुनाव में कश्मीर में आठ कमेटियों समेत प्रदेश भाजपा 35 के करीब कमेटियां में भी स्पष्ट रूप से अपने चेयरमैन बनाएगी। इसके साथ भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों, पीपुल्स कांफ्रेंस के सहयोग से दस अन्य कमेटियों में अपना चेयरमैन बनाने की जोड़ तोड़ जारी है। वहीं कांग्रेस भी राज्य में बीस से अधिक कमेटियों का चेयरमैन बनाने की राह में आगे बढ़ रही है। निर्दलीयों का समर्थन मिलने की स्थिति में पार्टी कुछ अन्य कमेटियों में भी अपने चेयरमैन बना सकती है।
लेह कमेटी की सभी 13 सीटें जीतने वाली कांग्रेस कारगिल में 5 सीटें जीतकर कमेटी बनाने की स्थिति में हैं। कांग्रेस को कश्मीर संभाग में 14 कमेटियों पर बढ़त हासिल है। वहीं जम्मू संभाग में आधा दर्जन कमेटियों में कांग्रेस की कमेटी बनना तय है। पार्टी भद्रवाह, ठाठरी, बनिहाल, ज्यौड़ियां, राजौरी व थन्नामंडी में चेयरमैन बनाने की स्थिति में है। मुख्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से 79 शहरी निकायों के लिए हुए मतदान के परिणाम की अधिसूचना जारी कर दी गई। इसमें कश्मीर में 14 सीटों पर कांग्रेस चेयरमैन बनाने की स्थिति में है तो इतनी ही सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की तूती बोल रही है। श्रीनगर नगर निगम में कांग्रेस को 16, भाजपा को 4 व निर्दलीयों को 54 सीटें मिली हैं।
ऐसे में कांग्रेस को मेयर बनाने के लिए भाजपा के मुकाबले कम निर्दलीयों का समर्थन चाहिए। भाजपा ने पहली बार कश्मीर में खाता खोलते हुए 12 कमेटियों में चेयरमैन बनाने की तैयारी कर ली है। वहीं निर्देलीय के सहयोग से क्षेत्र में आधा दर्जन कमेटियों पर भी चेयरमैन बनाने की जोड़ तोड़ जारी है। भाजपा जम्मू संभाग में सशक्त बनकर उभरी है। पार्टी सीधे सीधे 23 कमेटियों में अधिक उम्मीदवारों के जीतने से कमेटी बनाने की स्थिति में है। जम्मू नगरनिगम में तो पार्टी ने 75 से 43 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवीन्द्र रैना का कहना है कि चुनाव के परिणाम ठीक वैसे हैं जैसे हमने उम्मीद की थी। भाजपा इस समय 45 के करीब कमेटियों में चेयरमैन बनाने जा रही है।
चेयरमैन के नाम तय करने की प्रक्रिया जारी है। वहीं दूसरी ओर कश्मीर में निर्दलीय उम्मीदवार राजनीतिक पार्टियों का गणित बिगाड़ रहे हैं। कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, पट्टन, खान, साहिब कमेटियों में जीतने वाले सभी उम्मीदवार निर्दलीय हैं। ºियू व फ्रिसल में तो एक भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतरा। कुछ कमेटियों में रौचक स्थिति है। बीरवाह में निर्दलीय मोहम्मद अशरफ बांडे अघोषित चेयरमैन हैं। उनकी कमेटी की बाकी 12 सीटें खाली हैं। ठीक ऐसे ही फारूक अहमद वानी अंवतीपोरा में चेयरमैन बनेंगे। पुलवामा से भाजपा के गुलजार नेंगरू चेयरमैन हैं। वह दो सीटों से चुनाव लड़कर जीते हैं।
बाकी अन्य वार्डों के लिए कोई मैदान में नही आया। इसी बीच अच्छाबल कमेटी में स्थिति रौचक है। यहां पर भाजपा व कांग्रेस को दो दो सीटें मिली हैं। निर्णायक पांचवीं सीट निर्दलीय ने जीती है। वह जिस पार्टी को समर्थन देगा, उसकी कमेटी बन जाएगी।