निकाय चुनाव में याद आने लगे परदेसी
चुनाव दंगल में पार्षद बनने के लिए प्रत्याशियों को अचानक से रिश्तेदारों और राज्य से बाहर नौकरी पेशे के लिए जा चुके लोगों की याद आने लगी है।
दलजीत सिंह, आरएसपुरा। राज्य में निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। नामांकन से लेकर नाम वापसी तक की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए चाहे मतदाता के आगे हाथ पैर जोड़ना पड़े या फिर किराया देकर बुलाना पड़े, उम्मीदवार सब करने को तैयार हैं।
चुनाव दंगल में पार्षद बनने के लिए प्रत्याशियों को अचानक से रिश्तेदारों और राज्य से बाहर नौकरी पेशे के लिए जा चुके लोगों की याद आने लगी है। कारण है कि उनके नाम संबंधित प्रत्याशी के वार्ड के मतदाताओं की सूची में हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो निकाय चुनाव की सरगर्मियों में बड़े मजेदार किस्से देखने और सुनने को मिल रहे हैं।
चुनावों में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवार शहर से बाहर जीवनयापन कर रहे मतदाताओं को फोन कर शहर आने की खुशामद कर रहे हैं। उनको आने-जाने का किराया देने के भी वादे किए जा रहे हैं, पर किसी तरह से एक-एक वोट उनके पक्ष में पड़ना चाहिए।
प्रत्याशी एक-एक वोट के लिए कसरत कर रहे और इसमें असफल नहीं होना चाहते हैं। कई उम्मीदवार अपने वार्ड के उन तमाम मतदाताओं की सूची भी तैयार कर चुके हैं, जो किसी भी उद्देश्य के साथ वार्ड या फिर राज्य से बाहर हैं।
इन मतदाताओं से संपर्क के सारे तरीके आजमाए जा रहे हैं। एक-एक वोट की कीमत समझ रहे परदेसी मतदाताओं के लिए काफी गंभीर हैं।