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Jammu-Srinagar Highway: कीचड़ धंसने व पत्थर गिरने से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर यातायात बाधित

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर कीचड़ धंसने व पत्‍थर गिरने से यातायात रोक दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले एकमात्र सदाबहार सड़क राजमार्ग पर आज सुबह ताजा यातायात की अनुमति नहीं दी गई।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Mon, 20 Mar 2023 01:04 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 02:40 PM (IST)
Jammu-Srinagar Highway: कीचड़ धंसने व पत्थर गिरने से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर यातायात बाधित
कीचड़ धंसने व पत्थर गिरने से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर यातायात बाधित

बनिहाल/जम्मू, पीटीआई: जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिले में रात भर हुई भारी बारिश के कारण मिट्टी धंसने और कुछ स्थानों पर पत्थर गिरने के बाद सोमवार को यातायात रोक दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले एकमात्र सदाबहार सड़क राजमार्ग पर आज सुबह ताजा यातायात की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने आगे कहा कि शालगरी और शेर बीबी के पास सुबह करीब पांच बजे कीचड़ धंसने से सड़क बंद हो गई।

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बारिश के कारण पहाड़ी से गिरने लगे पत्‍थर

वहीं बारिश के कारण मेहर, कैफेटेरिया मोड़ और चमालवास में पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे। अधिकारियों ने कहा कि राजमार्ग को यातायात के लायक बनाने के लिए सड़क निकासी एजेंसियां ​​काम पर हैं। यातायात पुलिस ने लोगों से यात्रा पर निकलने से पहले राजमार्ग की स्थिति की पुष्टि करने को कहा है।

रूट बदलने पर भड़का रोष, बस को पुराने रूट पर लौटाया

ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग पर नगरी से जम्मू के बीच चलने वाली एसआरटीसी बस का रूट बदल कर जंगी चक से वाया हीरानगर कर देने से सीमावर्ती लोगों में रोष व्याप्त है। रविवार को लोगों ने प्रदर्शन कर बस को रोक कर पुराने रूट पर मोड़ दिया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर बस को पुराने रूट पर नहीं चलने दिया तो वह सड़क पर ही धरना लगा कर बैठ जाएंगे। रविवार की सुबह एसआरटीसी की बस नगरी से तरना नाले पुल को पार कर पला मोड़ पर पहुंची तो वहां पहले से खड़े लोगों ने बस को हीरानगर जाने से रोक लिया और उसे पहले से निर्धारित रूट पर मोड़ दिया।

1980 के दशक में चलती थी वाडर बसें

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे स्थानीय निवासी मनोहर लाल, रघु शर्मा, गोपाल शर्मा, महेंद्र पाल अन्य लोगों का कहना है कि ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग पर 1980 के दशक तक जम्मू से वाडर बसें चलती थी। बाद में मार्ग की खस्ता हालत और नालों पर पुल नहीं होने की वजह से बसें बंद हो गई थीं। लोगों को साथ लगते गांवों में में जाने के लिए मीलों का चक्कर लगा कर बसें बदल कर जाना पड़ता था। अब ग्रेफ ने नगरी से लेकर सांबा तक मार्ग के विस्तारीकरण के साथ पुलों का निर्माण कर दिया है। कुछ लोगों के प्रयास से नगरी से वाया कोट पुन्नू चकडा से राजपुरा सांबा जम्मू के बीच एसआरटीसी और एक प्राइवेट बस चलनी शुरू हो गई थी।

क्षेत्र के 60 गांवों के लोगों को मिल रही थी सुविधा

इससे सीमावर्ती क्षेत्र के 60 के करीब गांवों के लोगों को सुविधा मिल रही थी। कर्मचारी, विद्यार्थी, अन्य लोग जम्मू दस बजे के पहले कार्यालयों में पंहुच जाते थे। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से बसों कि रूट बदल कर तरना नाला पलामोड से वाया हीरानगर, जांडी कर दिया है। इससे एक तो बस आधा घंटा देरी से जम्मू पहुंचने लगी साथ ही किराया भी सात रुपये बढ़ गया। इससे जंगी चक, सरकारी गुडा, लाडा, जल्ला चक, सन्याल, बाना चक आदि गांवों को कट कर दिया।

रूट को बदलने से लोगों की परेशानी बढ़ी

अच्छी-भली बसें चलनी शुरू हो गई थी और लोगों को भी बड़ी राहत मिल रही थी। सीमावर्ती गांवों का आपसी संपर्क भी जुड गया था, लेकिन बसों के रूट को बदलने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सीमावर्ती गांवों से हीरानगर के बीच भी बसें चलनी चाहिए। इस से भी लोगों को सुविधा मिलेगी। लेकिन वाडर मार्ग की बसें किसी भी सूरत में बंद नहीं होने देंगे। उन्हें पुराने रूट पर चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने बस को पुराने रूट पर मोड़ दिया है और इसी पर चलनी चाहिए। अगर दोबारा रूट बदला तो सीमावर्ती क्षेत्र के लोग मार्ग पर धरना लगा कर बैठ जाएंगे।


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