इलेक्ट्रिशियन मुदस्सर पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड
राज्य ब्यूरो जम्मू पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले के पीछे जैश-ए-मुहम्मद
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले के पीछे जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी मुदस्सर अहमद खान उर्फ मुहम्मद भाई का दिमाग था। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
अभी तक जांच एजेंसी को जो सुबूत मिले हैं, उसके आधार पर कहा जा रहा है कि मुदस्सर ग्रेजुएट है और वह इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। इसी आतंकी ने गाड़ी का प्रबंध कर उसमें बारूद फिट किया था। पुलवामा जिले के मीर मोहल्ला त्राल के रहने वाले मुदस्सर ने वर्ष 2017 में जैश के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम करना शुरू किया था। बाद में उसे नूर त्राली ने जैश-ए-मुहम्मद में शामिल करवा दिया था। त्राली ने ही कश्मीर में जैश के संगठन को फिर से खड़ा किया था। दिसंबर 2017 में नूर त्राली को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद मुदस्सर 14 जनवरी 2018 को अपने घर से गायब हो गया और आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हो गया। सीआरपीएफ की गाड़ी पर आत्मघाती हमला करने वाला आदिल अहमद डार लगातार मुदस्सर खान के संपर्क में था। मुदस्सर ने ग्रेजुएशन करने के बाद आइटीआइ से एक साल का इलेक्ट्रिशियन का डिप्लोमा किया था। उस पर जम्मू के सुंजवा में फरवरी 2018 में सेना के कैंप पर हुए हमले में शामिल होने का भी आरोप है। इस हमले में सुरक्षाबलों के छह जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक नागरिक की भी मौत हो गई थी। लेथपोरा में हुए हमले में भी शामिल होने का संदेह
जनवरी 2018 में लेथपोरा पुलवामा में हुए हमले में भी मुदस्सर के शामिल होने का संदेह था। इस हमले में भी सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी जो पुलवामा हमले की जांच कर रही है, उसने 27 फरवरी को मुदस्सर के घर की तलाशी ली थी। पुलवामा हमले में इको मिनी वैन का इस्तेमाल किया गया था। उसे दस दिन पहले ही लाया गया था। इस हमले के बाद से ही दक्षिण कश्मीर के बिजबिहाड़ा का रहने वाला सज्जाद भट भी फरार है। उसके भी आतंकी संगठन में शामिल होने की आशंका है।