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Jammu : विस्थापित कश्मीरी पंडितों का आंदोलन 44वें दिन में प्रवेश

मंगलवार को इन कार्यकर्ताओं ने जगटी में एकत्र होकर जमकर नारेबाजी की और जम्मू कश्मीर प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के अधिकारों के प्रति न ही केंद्र सरकार और न ही जम्मू कश्मीर प्रशासन अपनी गंभीरता दिखा रहा है।

By VikasEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 09:25 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 09:25 PM (IST)
Jammu : विस्थापित कश्मीरी पंडितों का आंदोलन 44वें  दिन में प्रवेश
जगटी में एकत्र होकर जमकर नारेबाजी की और जम्मू कश्मीर प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाया।

जम्मू, जागरण संवाददाता । मासिक राहत में बढ़ोतरी की मांग कर रहे विस्थापित कश्मीरी पंडितों का जगटी में आंदोलन 44वें दिन में प्रवेश कर गया है। मंगलवार को इन कार्यकर्ताओं ने जगटी में एकत्र होकर जमकर नारेबाजी की और जम्मू कश्मीर प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के अधिकारों के प्रति न ही केंद्र सरकार और न ही जम्मू कश्मीर प्रशासन अपनी गंभीरता दिखा रहा है।

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कार्यकर्ताओं ने मांग की कि मासिक राहत में बढ़ोतरी हो और वहीं हर विस्थापित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।मौके पर कार्यकर्ताओं ने एक बैठक की और केंद्र सरकार के अड़ियल रवैया की आलोचना की। मौके पर जगटी टेनेमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि इस समय कश्मीरी पंडितों को महीने की नकद राहत बहुत कम मिल रही है। हम मांग कर रहे हैं कि इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपए किया जाए मगर हमारी बात नही सुनी जा रही। कम रुपए में विस्थापित परिवार का गुजारा नही हो पा रहा। अब विस्थापित परिवार अपने आंदोलन को तीव्र करने के लिए मजबूर होंगे।

उन्होंने कहा कि जम्मू जाकर धरने प्रदर्शन का कार्यक्रम पहले ही बनाया जा चुका है। अब हम दूर दराज के क्षेत्रों में भी धरने प्रदर्शन करेंगे। वहीं राज कुमार टिक्कू ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी का मुद्दा भी सिरे नही चढ़ पाया है। केंद्र सरकार के बार बार कश्मीरी पंडितों को आश्वासन दिए थे कि उनकी घर वापसी होगी। मगर आज कोई भी ब्लू प्रिंट यह सरकार तैयार नही कर पाई है। 


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