जान जोखिम में डाल श्रद्धालुओं को बचा रही माउंटेन रेस्क्यू टीमें Jammu News
जम्मू कश्मीर पुलिस ने वर्ष 2009 में यात्रा को कामयाब बनाने के लिए माउंटेन रेस्क्यू टीमें बनाई थी। अब जम्मू कश्मीर पुलिस इस कार्य के लिए 1200 जवानों को प्रशिक्षित करती है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान चुनौतीपूर्ण हालात में माउंटेन रेस्क्यू टीमों के सदस्य अपनी जान जोखिम में डालकर श्रद्धालुओं को बचा रहे हैं। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इन टीमों के भूमिका की सराहना की है। माउंटेन रेस्क्यू टीमों के सदस्य यात्रा मार्ग के दुर्गम हिस्सों में आठ से 10 फीट बर्फ में काम कर रहे हैं। करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर सर्दी व अल्ट्रा वायलेट किरणों के साथ जंगली जानवरों के हमलों का भी खतरा है।
ऐसे हालात में टीमों के सदस्य उन श्रद्धालुओं को बचा रहे हैं, जो थकावट और ठंड के कारण हिम्मत हारने लगते हैं। अब तक ये टीमें 225 बचाव अभियानों का आयोजन कर चुकी हैं। इस समय बाबा अमरनाथ यात्रा में 31 माउंटेन रेस्क्यू टीमें तैनात हैं। ये टीमें जम्मू कश्मीर पुलिस, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की हैं। इन टीमों के सदस्यों की संख्या 10 से 14 के बीच है। टीम में वीएचएफ फोन्स व वाकी-टाकी के साथ दो ऑपरेटर भी तैनात रहते हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस ने वर्ष 2009 में यात्रा को कामयाब बनाने के लिए माउंटेन रेस्क्यू टीमें बनाई थी। अब जम्मू कश्मीर पुलिस इस कार्य के लिए 1200 जवानों को प्रशिक्षित करती है।
उनमें से फिटनेस के आधार पर डेढ़ सौ को माउंटेन रेस्क्यू टीमों के लिए चुना जाता है। गत वर्ष बाबा अमरनाथ के पहलगाम व बालटाल मार्गो पर 25 माउंटेन रेस्क्यू टीमें तैनात की गई थी। इस बार उनकी संख्या बढ़ाकर 31 कर दी गई है। महागणेश टॉप पर दो के बजाए इस बार चार टीमें तैनात की गई हैं। टीम के सदस्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने में भी प्रशिक्षित हैं। इसी बीच टीम के सदस्यों के पास पहाड़ों पर राहत अभियान चलाने के लिए सभी आधुनिक उपकरण हैं।
इनमें कारबाइनर्स, जूमर्स, रैपल्स, एवलांच राड्स, हेलमेट, ऑक्सीजन सिलेंडर, फस्ट एड किट शामिल है। शेषनाग, वेवबल, पोषपत्री, महागणेश टाप, केल्नर, देर्दकोट, संगम टाप, निचली पवित्र गुफा, वाई जंक्शन, बरारी मार्ग व रेलपत्थरी में 11 माउंटेन रेस्क्यू टीमें तैनात की गई हैं।