सैन्य अभ्यास के दौरान फटा मोर्टार शेल, खिड़कियों के शीशे टूटे
सीमावर्ती क्षेत्र खौड़ में सैन्य अभ्यास के दौरान एक मोर्टार शेल हवा में ही फट जाने पर गजु बन खौहाड़ा सजवाल गांवों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया।
संवाद सहयोगी, खौड़ : सीमावर्ती क्षेत्र खौड़ में सैन्य अभ्यास के दौरान एक मोर्टार शेल हवा में ही फट जाने पर गजु बन, खौहाड़ा, सजवाल गांवों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। मोर्टार शेल के टुकड़े इधर-उधर बिखरने से कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। कई घरों में खिड़कियों के शीशे टूट गए।
जानकारी के मुताबिक जब मोर्टार शेल फटा तो ग्रामीणों को लगा कि पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी शुरू कर दी गई है। घर से बाहर खेत में काम करने गए किसानों ने जब विस्फोट की आवाज सुनी तो वे तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ने लगे। बाद में उन्हें पता चला कि यह मोर्टार पाकिस्तानी सैनिकों ने नहीं बल्कि अपनी ही फौज ने सैन्य अभ्यास के दौराना दागा था। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। दिन में करीब 10 बजे के आसपास हुई इस घटना से गजु बन गांव में कई लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है।
गांव के साथ लगते कलीठ गांव में बनी चांदमारी में अक्सर मोर्टार शेल दागने का सैनिक अभ्यास करते हैं। इससे पहले पिछले शुक्रवार को खौड़ ब्लाक के गांव सोहारा में अभ्यास के दौरान सेना का एक शेल गांव में गिरा गया था। गनीमत यह रही कि शेल में विस्फोट नहीं हुआ था। अगर विस्फोट हो जाता तो जानमाल का नुकसान होता। सुहारा के साथ गांव भल्ली भी लगता है, इन दोनों गांवों में करीब 200 परिवार रहते हैं। सोमवार को भी कलीठ अभ्यास रेंज से गोला दागा गया था।
अभ्यास करने से पहले ग्रामीणों को दी जाए सूचना
घटना के कुछ घंटे बाद ही सरपंच नीतू देवी, पूर्व सरपंच सत शर्मा, नायब तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए। सरपंच नीतू देवी ने बताया की कलीठ फायरिग रेंज में जब सेना अभ्यास करती है तो अक्सर मोर्टार के गोले गांव गजु बन, खौहाड़ा, सजवाल से ऊपर से गुजरते हैं। कई बार तो मोर्टार के गोले ऊपर ही फट जाते हैं, जिससे इन गांव के लोगों के मकानों को काफी नुकसान होता है। हमने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मुआवजा देने की मांग की, लेकिन आज तक इन लोगों को मुआवजा नहीं मिला। पूर्व सरपंच सत शर्मा ने मांग की कि सेना जब अभ्यास करती है तो वह पहले लोगों को सूचित करे, ताकि ग्रामीण अपने घरों में ही रहें। जो गांव फायरिग रेंज के अधीन आते है प्रशासन उन गांवों के लोगो को मुआवजा दे। उन्होंने सरकार से मांग की कि अब गांव में जनसंख्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में कलीठ फायरिग रेंज को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाना चाहिए।