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Jammu Kashmir: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षा में 2500 से अधिक आशा वर्कर्स ने भाग लिया

जम्मू-कश्मीर की 2500 से अधिक आशा वर्कर्स ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षा में भाग लिया। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी एहतियातों के बीच परीक्षा के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में परीक्षा केंद्र आयोजित किए गए थे।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 07:15 PM (IST)
Jammu Kashmir: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षा में 2500 से अधिक आशा वर्कर्स ने भाग लिया
जम्मू-कश्मीर की 2500 से अधिक आशा वर्कर्स ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षा में भाग लिया।

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर की 2500 से अधिक आशा वर्कर्स ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षा में भाग लिया। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी एहतियातों के बीच परीक्षा के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में परीक्षा केंद्र आयोजित किए गए थे। परीक्षा का निरीक्षण करने नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारी भी पहुंचे हुए थे।

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नेशनल हेल्थ मिशन से मिले आंकड़ों के अनुसार, जम्मू जिले में 129, डोडा में 119, कठुआ में 123, किश्तवाड़ में 116, पुंछ में 126, राजौरी में 179, रामबन में 120, रियासी में 143, सांबा में 129, उधमपुर में 123, अनतंनाग में 125, बांडीपोरा में 141, बारामुला में 152, बडगाम में 129, गांदरबल में सात, कुलगाम में 120, कुपवाड़ा में 121, पुलवामा में 180, शोपियां में 97 और श्रीनगर में 55 आशा वर्कर्स परीक्षा में बैठीं। अध्रिकारियों के अनुसार, अखिल भारतीय स्तर पर हुई इस परीक्षा में कोरोना के बावजूद सबसे अधिक आशा वर्कर्र जम्मू कश्मीर से ही परीक्षा में बैठीं। करीब 20 फीसद आशा वर्कर परीक्षा में बैठी। अभी तक जम्मू-कश्मीर की 24.69 फीसद आशा वर्कर्स ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षा पास की है। अब इस परीक्षा के पास यह संख्या 41 फीसद तक होने की उम्मीद है।

आशा वर्कर्स जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधाओं में अहम भूमिका निभा रही हैं। यह परीक्षा केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट के तहत हो रही हे। इसमें आशा वर्कर्स में गुणवत्ता को बढ़ाना है। गर्भवती महिलाओं, टीकाकरण, संक्रमण रोगों, टीबी, कुष्ठ रोग सहित कई रोगों के राष्ट्रीय कार्यक्रमों को लागू करवाने में इनकी अहम भूमिका है।जम्मू-कश्मीर में इस समय 13 हजार आशा वर्कर्स हैं। दो साल में सभी आशा वर्कर्स को यह परीक्षा पास करनी है। हर छह महीने बाद होने वाली इस परीक्षा में तीन हजार के करीब आशा वर्कर्स को बिठाना है ताकि 2022 तक सभी मान्यता प्राप्त हों।


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