Jammu Kashmir: अवंतीपोरा मुठभेड़ के बीच कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
कश्मीर घाटी में सक्रिय शरारती और राष्ट्र विरोधी तत्व इंटरनेट की विभिन्न सोशल मीडिया सइटों का इस्तेमाल कर लोगों को भड़काते हुए उन्हें मुठभेड़ स्थलों पर जमा करने का प्रयास कर रहे हैं
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दक्षिण कश्मीर में जारी मुठभेड़ में फंसे हिज्ब के नामी कमांडर को बचाने के लिए और घाटी में हालात बिगाड़ने के लिए शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर किए जा रहे दुरूपयोग को रोकने लिए प्रशासन ने एहतियातन घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। अवंतीपोरा में दो जगहों पर जारी अलग-अलग मुठभेड़ में अभी तक तीन आतंकी मारें जा चुके हैं।
अवंतीपोरा में जारी मुठभेड़ में सोशल मीडिया पर जारी दुष्प्रचार सुरक्षाबलों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। मुठभेड़ के दौरान ही कुछ न्यूज एजेसियों व मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किए जाने लगा कि अवंतीपोरा में मारा गया आतंकी और कोई नहीं बल्कि हिज्ब का टॉप कमांडर रियाज नाइकू है। यह बात घाटी में फैलते ही कुछ शरारती और राष्ट्र विरोधी तत्वों ने विभिन्न सोशल साइट्स पर लोगों को भड़काते हुए उन्हें मुठभेड़ स्थलों पर जमा करने का प्रयास करना शुरू कर दिया। इससे परेशानी हो सकती है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने न्यूज एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारिक पुष्टि होने तक इस तरह की सूचना फैलाकर घाटी के माहौल को न बिगाड़ें। परंतु दुष्प्रचार का सिलसिला अब शुरू हो चुका था, लिहाजा उसे थामने के लिए प्रशासन ने पूरे कश्मीर संभाग में मोबाइल इंटरनेट ही निलंबित कर दिया।
सनद रहे कि पिछले चार दिनों के दौरान कश्मीर घाटी में यह छठी आतंकवादी वारदात है। हंदवाड़ा में आतंकी हमले में सेना के कर्नल, मेजर, दो सिपाही और पुलिस के एएसआई ने शहादत दी। इसमें दो आतंकवादियों को भी मार गिराया गया। इसके बाद बडगाम में हुए आतंकी हमले में तीन सीआरपीएफ जवान शहीद हुए, बडगाम में ही दो जगह आतंकवादियों ने ग्रेनेड हमले भी किए। इनमें तीन सुरक्षाकर्मियों समेत चार नागरिक घायल हो गए। आज बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच पुलवामा और अवंतीपोरा में मुठभेड़ चल रही है। यहां भी अभी तक तीन आतंकवादियों के मारे जाने की सूचना है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन हमलों में सुरक्षाबलों को पहुंचे नुकसान के बाद घाटी में सक्रिय राष्ट्रविरोधी तत्वों, अलगाववादी खेमों ने सोशल मीडिया पर युवाओं को भड़काने का काम तेज कर दिया है।
पुलिस को अब यह डर सताने लगा है कि एक बार फिर कश्मीर में सोशल मीडिया दुष्प्रचार के जरिए अलगाववादी नेता, राष्ट्र विरोधी तत्व युवाओं को भड़काना शुरू न कर दें। यही वजह है कि मुठभेड़ शुरू होने पर प्रशासन इंटरनेट सेवा को बंद कर देता है।