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Fire incident at Shrine in Tral: घाटी में अशांति फैलाने के लिए अब धार्मिक स्थलों को बनाया जा रहा निशाना

लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू ने घाटी के लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पहले ही एक अभियान शुरू कर दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 05:24 PM (IST)
Fire incident at Shrine in Tral: घाटी में अशांति फैलाने के लिए अब धार्मिक स्थलों को बनाया जा रहा निशाना
Fire incident at Shrine in Tral: घाटी में अशांति फैलाने के लिए अब धार्मिक स्थलों को बनाया जा रहा निशाना

श्रीनगर, जेएनएन। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में सामान्य होते हालात आतंकवादी संगठनों, राष्ट्र विरोधी तत्वों को रास नहीं आ रहे हैं। जन्नत में एक बार फिर अशांति की आग भड़काने के लिए अब ये आतंकी संगठन व राष्ट्र विरोधी तत्व धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कश्मीर के त्राल इलाके के कौंसरबल मुहल्ले में पुरानी मस्जिद के साथ स्थित हजरत मीर मोहम्मद सइद अली हमदानी की एतिहासिक जियारत को देर रात आतंकवादियों ने आग के हवाले कर दिया। आतंकियों की इस कायरतापूर्ण हरकत की निंदा करते हुए लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू ने यह यकीन दिलाया कि इसके पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

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दरअसल आतंकवादी संगठनों, अलगाववादी नेताओं को यह लग रहा था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन जैसे-जैसे कश्मीर में पाबंदियों को कम करेगा, लोगों का आक्रोश ज्वालामुखी बनकर निकलेगा और कश्मीर में धरना-प्रदर्शनों का सिलसिला तेज होगा। पंरतु ऐसा नहीं हुआ। कश्मीर में आम जनजीवन पर पटरी पर लौट रहा है। आतंकवादियों-अलगाववादियों की चेतावनियों को अनसुना कर श्रीनगर में सुबह बाजार भी खुल रहा है, बच्चे स्कूल व कालेजों में जा रहे हैं और यात्री वाहन भी सड़कों पर दिखने लगे हैं। अपने मंसूबों को विफल होता देख अब आतंकवादी संगठन आम लोगों को निशाना बनाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। पिछले एक महीने के दौरान कश्मीर में एक दर्जन के करीब दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया है।

सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि को संदिग्ध आतंकवादियों ने त्राल के कौंसरबल मोहल्ले में यह जियारत काफी पुरानी है। रात को आग लगने की इस घटना के तुरंत बाद ही स्थानीय लोग घटना स्थल पर पहुंच गए आैर उन्होंने आग पर काबू पाने की कोशिशें शुरू कर दी। लोगों के इस प्रयास के कारण आग पर काबू पा लिया गया परंतु जियारत के एक हिस्से को इससे काफी नुकसान पहुंचा। सुबह जब पुलिस वहां पहुंची तो लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों का कहना था कि प्रशासन प्रबंधन दोनों ही जियारत में सीसीटीवी कैमरे लगाने में विफल साबित हुए हैं। पुलिस ने स्थानीय लोगों को यकीन दिलाया कि वह दोषियों का जल्द पता लगा देंगे।

वहीं लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू ने घाटी के लोगों को शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि आतंकवादी अब धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पहले ही एक अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने घाटी के लोगों को झूठी अफवाहों से दूर रहकर किसी के बहकावे में न आने की अपील भी की। इसी के साथ उन्होंने डीजीपी पुलिस दिलबाग सिंह को निर्देश दिए कि वह जम्मू-कश्मीर में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को मजबूत बनाएं। उन्होंने डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर को भी निर्देश दिए कि वह जल्द से जल्द जियारत की मरम्मत करवाने के लिए कहा।


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