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Jammu: राहड़ों को विसर्जित करने के साथ संपन्न हुआ मिंजर पर्व

डुग्गर संस्कृति का मिंजर त्योहार वीरवार देर शाम को राहड़ों को जल में प्रवाहित करने के बाद सामूहिक भोजन के साथ संपन्न हो गया।

By Edited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 06:47 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 12:10 PM (IST)
Jammu: राहड़ों को विसर्जित करने के साथ संपन्न हुआ मिंजर पर्व
Jammu: राहड़ों को विसर्जित करने के साथ संपन्न हुआ मिंजर पर्व

संवाद सहयोगी, कटड़ा : डुग्गर संस्कृति का मिंजर त्योहार वीरवार देर शाम को राहड़ों को जल में प्रवाहित करने के बाद सामूहिक भोजन के साथ संपन्न हो गया। इससे पहले कटड़ा के साथ लगते गांव पडोह में लड़कियों व नवविवाहिताओं ने अपने-अपने घरों में स्थापित राहड़ों को प्रसाद के रूप में पवित्र भोजन दिखाया और भजन-कीर्तन के साथ ही पूजा अर्चना की और परिवार की सुख-शांति की कामना की।

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मिंजर त्योहार पर बीते वीरवार देर शाम लड़कियों के साथ ही ग्रामीणों ने राहड़ों को श्रद्धा पूर्वक लेकर जल स्तोत्र के किनारे पहुंचे और परिवार की सुख शांति की कामना कर राहड़ों को प्रवाहित कर दिया। उसके बाद अपने घरों में लड़कियों द्वारा बनाए गए डोगरी व्यंजन एक-दूसरे को वितरित किया। इन व्यंजनों में बबरु, खमीरा, चिल्ला, टिंबरु की चटनी, मौसमी फल आदि प्रमुख थे। महिलाओं के साथ ही नवविवाहिताओं ने भी इस रस्म को निभाया। सभी डोगरी गीत गाकर सामूहिक भोज का आनंद उठाया। हालांकि कोविड-19 यानी कोरोना महामारी को लेकर कम संख्या में ही लड़कियां तथा महिलाएं जल सोत्रों के किनारे पहुंची थीं।

परिवार की खुशहाली को समर्पित है मिंजर पर्व

प्रख्यात शिक्षाविद पदम श्री प्रोफेसर शिव निर्मोही ने बताया कि डोगरी पर्व मिंजर परिवार की खुशहाली विशेषकर बहनों द्वारा अपने भाइयों की सुख शांति के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है इससे त्यौहार का वैज्ञानिक, पर्यावरण यहां तक कि सांस्कृतिक महत्व है। डोगरी संस्कृति में लड़की को सबसे उच्च स्थान यानी देवी या फिर लक्ष्मी का रूप माना जाता है। कोई भी शुभ कार्य करने के लिए सबसे पहले कन्या को पूजा किया जाता है और कन्या के हाथों से ही शुभ आरंभ करवाया जाता है। क्योंकि पहले अधिकतर लोग जमींदार होते थे और खेतों में काम करते थे बरसात के मौसम में कौन सी फसल सबसे ज्यादा उम्दा होगी। इसके परीक्षण के तौर पर राहड़ों में अलग-अलग फसलों के बीज डाले जाते हैं| लड़कियों द्वारा ही इन राहडो की देखभाल की जाती है। लड़कियों द्वारा डोगरी गीत गाए जाते हैं और पवित्र रसोई में डोगरी भोजन तैयार कर एक दूसरे को वितरित किया जाता है।

मिंजर त्यौहार पर लड़कियों द्वारा रसोई में विशेष प्रकार के डोरी भोजन बनाए जाते हैं जिनमें क्यूर, बबरु, तंदूरी रोटी, पुड़ियां, तिम्बरु की चटनी आदि प्रमुख है। मिंजर पर्व पर लड़कियों द्वारा राहड़ों को सम्मानजनक लेकर जल स्तोत्र ,बाबली, चश्मा या फिर साफ पानी नदी आदि में इन्हें जल प्रवाहित कर दिया जाता है| लड़कियों यहां तक कि महिलाएं द्वारा एकत्रित होकर एक दूसरे को भोजन वितरित किया जाता है। साथ ही लड़कियों द्वारा डोगरी गीता तथा भजन आदि गाए जाते हैं और ईश्वर से यह कामना करति हैं कि वह उनके परिवार में सदा खुशहाली रखे।


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