जम्मू एयरपोर्ट 15 दिन बंद रखने पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्यपाल प्रशासन के बीच सहमति नहीं
जम्मू एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के चलते अक्टूबर के पहले सप्ताह से इसे करीब 15 दिनों के लिए बंद रखने को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रलय व राज्यपाल प्रशासन के बीच सहमति बनती नहीं दिख रही है
जम्मू , जागरण संवाददाता। जम्मू एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के चलते अक्टूबर के पहले सप्ताह से एयरपोर्ट करीब 15 दिनों के लिए बंद रखने को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्यपाल प्रशासन के बीच कोई सहमति बनती नहीं दिख रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय को यह गंवारा नहीं है कि विस्तारीकरण को लेकर एयरपोर्ट को 15 या उससे और अधिक दिनों के लिए विमानों के आवागमन के लिए बंद कर दिया जाए। इससे मंत्रालय को इन दिनों में कम से कम पांच करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
विस्तारीकरण के लिए किया जाना है काम बंद होने से रोजाना होगा 50 लाख रुपये का नुकसान
राज्यपाल प्रशासन की ओर से जम्मू एयरपोर्ट अथॉरिटी को विस्तारीकरण को लेकर नोटिस भी भेज दिया गया है। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा और जम्मू एयरपोर्ट के डायरेक्टर प्रभात रजंन ब्यूरिया के साथ पिछले 15 दिनों में दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन इनमें विमानों की एयरपोर्ट में लैंडिग को रोके जाने को लेकर फिलहाल कोई सहमति नहीं बन पाई है। ब्यूरिया का कहना है कि मामला बड़ा है और जब तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस पर हरी झंडी नहीं देगा, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। जम्मू के डिवीजन कमिश्नर संजीव वर्मा का दावा है कि इस पर शीघ्र सहमति बन जाएगी। संभव हुआ तो एयरपोर्ट को बंद करने की अवधि 15 दिनों के बजाए और कम की जा सकती है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ नहीं हो पाएगी। इस अवधि के दौरान सोशल साइट्स पर टिकटें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, जम्मू में एयर इंडिया समेत 30 कंपनियों के जहाज यहां रोजाना आवागमन करते हैं। जम्मू में इंडियन एयरलाइंस, स्पाइसजेट, इंडिगो, विस्तारा, गो इंडिया आदि की करीब 30 फ्लाट्स का रोजाना अवागमन होता है। अलबत्ता श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अन्य राज्यों से आने वाली डायरेक्ट फ्लाइट्स का रोजमर्रा की तरह आवागमन रहेगा। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय रक्षा मंत्रालय से भी इस संबंध में बातचीत की जा रही है कि पठानकोट एयरबेस को कमर्शियल फ्लाइट्स को उतरने की इजाजत दी जाए। इस संबंध में राज्यपाल प्रशासन केंद्रीय रक्षा मंत्रालय से बात करे तो कोई हल निकल सकता है।
राज्य के पुनर्गठन के बाद बदले हालात को देखते हुए पठानकोट एयरबेस को कमर्शियल फ्लाइट्स की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए दिए जाने में सुरक्षा कारण बीच में आ सकते हैं। जम्मू एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए इसका विस्तारीकरण होना है। इस दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहित की कई जमीन को रनवे में बदलने के लिए पेड़ों की कटाई से लेकर रनवे का निर्माण किया जा रहा है। एयरपोर्ट की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम राज्य प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा जरूरी है। एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए जमीन अगस्त 2018 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दी गई है।