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Jammu Kashmir: सुरंग के रास्ते पहले भी होती रही है घुसपैठ की कोशिश, जानिए कब-कब मिली सुरंग

अगस्त 2020 में भी आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के इरादे से बनाई गई सुरंग का पता चला था। बीएसएफ के अधिकारियों ने दावा किया कि आतंकवादी इससे पहले की इस सुरंग के माध्यम से घुसपैठ करते बीएसएफ के सतर्क जवानों ने इसका समय रहते पता लगा लिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 02:51 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 03:06 PM (IST)
Jammu Kashmir: सुरंग के रास्ते पहले भी होती रही है घुसपैठ की कोशिश, जानिए कब-कब मिली सुरंग
इस बात की पुष्टि हो सके कि इस सुरंग के रास्ते आतंकवादियों ने घुसपैठ तो नहीं की है।

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में कम होती आतंकियों की संख्या, हथियारों की कमी से पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन परेशान हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी वारदातों में तेजी लाने, संगठनों को सक्रिय करने के इरादे से पाकिस्तान आतंकी संगठनों की पूरी मदद कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए ही पाकिस्तान की ओर से इस तरह की सुरंगों का निर्माण किया जाता है। वहीं पाकिस्तान की हरेक नापाक हरकत से वाकिफ भारत के सतर्क जवान हर बार साजिशों को नाकाम कर रहे हैं। पिछले छह महीने के दौरान बीएसएफ के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादियों द्वारा बनाई गई सुरंगों का पता लगाकर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम बना दिया।

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आज बुधवार सुबह जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में स्थित गांव बोबियां में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिली सुरंग के बाद सुरक्षाबल व एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। जांच टीम को मौके पर बुलाया गया है ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि इस सुरंग के रास्ते आतंकवादियों ने घुसपैठ तो नहीं की है।

पाकिस्तान इस तरह की साजिशें पहले भी रचता रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इससे पहले भी पाकिस्तान इस तरह की सुरंगों का निर्माण करवा आतंकवादियों की जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करवा चुका है। आपको जानकारी हो कि गत 18 नवंबर 2020 में भी जिला सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव रिगाल में एक सुरंग का पता लगा था। उसके अगले दिन यानी 19 नवंबर को जम्मू के नगरोटा बन टोल प्लाजा पर जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था। यह दावा किया गया कि ये तीनों आतंकी इसी सुरंग के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश कर आए थे।

इससे पूर्व जिला सांबा में ही अगस्त 2020 में भी आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के इरादे से बनाई गई सुरंग का पता चला था। बीएसएफ के अधिकारियों ने दावा किया कि आतंकवादी इससे पहले की इस सुरंग के माध्यम से घुसपैठ करते बीएसएफ के सतर्क जवानों ने इसका समय रहते पता लगा लिया। इस दौरान कई ऐसे सबूत भी मिले जिससे यह स्पष्ट होता था कि यह सुरंग पाकिस्तानी सैनिकों की मदद से बनाई गई है।  

जुलाई 2016 में जब सुरक्षाबलों ने आतंकवादी बुरहान वानी को मार गिराया था तब कश्मीर में हालात काफी अशांत हो गए थे। कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान ने इस दौरान भी आतंकवादी संगठनों को हर संभव सहायता मुहैया कराई। इस अवधि के दौरान 14 फरवरी 2017 में बीएसएफ की 62 बटालियन ने रामगढ़ के चमलियाल गांव के छन्नी फतवाल इलाके में 20 मीटर लंबर सुरंग पकड़ी थी। यह सुरंग बांध की ओट में बनाइ्र गई थी। यह सुरंग अढ़ाई फीट चाैड़ी, इतनी ही गहरी थी। इसका दूसरा मुहाना फेंसिंग पार था।

आपको बता दें कि इसी इलाके में बीएसएफ ने 2016 में भी 80 मीटर लंबी सुरंग का पता लगाया था। इस सुरंग के रास्ते हथियार गोलाबारूद लेकर आए दो आतंकवादियों को भी सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था। वर्ष 2016 में ही मार्च में बीएसएफ ने आरएसपुरा के अलाह माई दे कोठे में पाकिस्तान द्वारा बनाई गई सुरंग का पता लगाया था।


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