प्रवासी पक्षी पर्यटकों के लिए आकर्षण, किसानों के लिए बने परेशानी
पक्षी प्रेमियों को देख सरकार एक ओर इस गांव को वेटलैंड के रूप में विकसित करने पर जो रही है वहीं दूसरी ओर ये प्रवासी पक्षी सीमांत किसान इन पक्षियों को समस्या के रूप में देखते हैं।
आरएसपुरा, जेएनएन। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा घराना गांव इन दिनों प्रवासी पक्षियों से गुलजार है। इन पक्षियों के आगमन के साथ ही यहां पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी होना शुरू हो गया है। घराना वेटलैंड कन्र्जवेशन रिजर्वज् में करीब पांच हजार प्रवासी पक्षी पहुंच गए हैं। जम्मू से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित घराना मकवाल, कुकदियां, अब्दुल्लियां और परगवाल की आद्र भूमि पर उतरे ये विदेशी मेहमान पर्यटकों के लिए तो आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं परंतु किसानों के लिए यह परेशानियों के अलावा कुछ नहीं हैं।
जम्मू से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित घराना मकवाल, कुकदियां, अब्दुल्लियां और परगवाल आद्र भूमि से घिरा हुआ है। यहां 170 से ज्यादा निवासी और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं जिनमें खोयाहांस, गेडवॉल, यूरेशियन टील, वेस्टर्न स्वाम्पहेन सहित अन्य शामिल हैं। पक्षी प्रेमियों की साल दर साल बढ़ती संख्या को देख सरकार एक ओर इस गांव को वेटलैंड के रूप में विकसित करने पर जो रही है वहीं दूसरी ओर ये प्रवासी पक्षी सीमांत किसान इन पक्षियों को समस्या के रूप में देखते हैं।
कड़ाके की ठंड होने के बावजूद फसल को बचाने के लिए किसान रातों में खेतों की निगरानी करनी पड़ रही है। ये प्रवासी पक्षी या तो फसलों को खा रहे हैं या फिर अपने पैरों तले रौंद रहे हैं। इस पक्षियों से फसल को बचाने के लिए किसान रात-रात भर जाग कर खेतों पर पहरा देने को मजबूर हो गए हैं। बावजूद इसके एक खेत से भगाने पर पक्षियों का झुण्ड दूसरे खेतों में प्रवेश कर जाते हैं।
गांव घराना के नंबरदार बिशन दास का कहना है कि कई बार सरकार से लेकर वन्य जीव संरक्षण विभाग के अधिकारियों को नुकसान के बारे में बताया गया है परंतु वे मौन साधे हुए है। प्रवासी पक्षियों के झुंड में हजारों की संख्या में रहते हैं। ये झुंड खेतों में जाते हैं और सारी फसल को चट कर जाते हैं। इन प्रवासी पक्षियों ने आधी से ज्यादा धान की फसल बर्बाद कर दी है। अब जब कई किसान गेहूं की फसल को बीज रहे हैं तो ये पक्षी फसल को चट कर रहे है।
गांव घराना के किसान मित्तल चौधरी ने बताया कि इन प्रवासी पक्षियों के कारण वो पिछले कई दशकों से परेशान है। ये समस्या उनके गांव की ही नहीं बल्कि इसके साथ लगते अन्य कई गांवों की भी है। किसान रात में भी खेतों की रखवाली कर रहे हैं। चौधरी अशोक कुमार ने बताया पक्षियों के आतंक से ग्रामीण किसान परेशान है। यदि ऐसे ही रहा तो किसानों के लिए फसल तैयार करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की उनकी इस समस्या का कोई समाधान किया जाए अन्यथा वो गांव में वेटलैंड बनने नहीं देंगे।