Illegal Mining Issue: विक्रम रंधावा के खिलाफ दिल्ली कोर्ट में मानहानि का मामला दायर, एक करोड़ का दावा ठोका
Illegal Mining in Jammu दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में विक्रम रंधावा के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर दिया है। उनके खिलाफ कोर्ट में आइपीसी की धारा 499 व 500 के तहत औपचारिक आपराधिक मामला दर्ज करवा दिया गया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू तवी नदी में अवैध खनन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के भीतर उठा विवाद आखिरकार अदालत में पहुंच ही गया। केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रदेश भाजपा सचिव विक्रम रंधावा के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मामला दायर कर दिया है। उन्होंने एक करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया है। वहीं विक्रम रंधावा ने भी इस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मेरा पक्ष मेरे वकील भी अब अदालत में ही रखेंगे।
प्रदेश भाजपा सचिव और पूर्व एमएलसी विक्रम रंधावा ने गत सोमवार को एक पत्रकारवार्ता में केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह पर खनन माफिया के साथ सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए कहा था कि मंत्री ने जम्मू में दलाली का अड्डा बना रखा है। उन्होंने इसके अलावा भी कई अन्य आरोप केंद्रीय राज्यमंत्री पर लगाए थे।
कठुआ-उधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित डॉ जितेंद्र सिंह की तरफ से उनके वकील ने गत मंगलवार को विक्रम रंधावा को एक कानूनी नोटिस जारी कर अपने आरोप साबित करने को कहा था। उसमें यह लिखा गया था कि अगर वह आरोप साबित नहीं कर सकते हैं तो सार्वजनिक रुप से डॉ जितेंद्र सिंह से माफी मांगे या फिर अदालत में मानहानि के मामले का सामना करने को तैयार रहें। विक्रम रंधावा ने मंत्री के नोटिस पर काेई जवाब नहीं दिया।
आज डॉ जितेंद्र सिंह की तरफ से उनके वकील जीवीश नागरथ, नरेंद्र मान, चंदन दत्ता और मनोज पंत ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में विक्रम रंधावा के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर दिया है। उनके खिलाफ कोर्ट में आइपीसी की धारा 499 व 500 के तहत औपचारिक आपराधिक मामला दर्ज करवा दिया गया।
डॉ. जितेंद्र सिंह के वकील जीवीश नागरथ द्वारा विक्रम रंधावा को भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि मेरे मुवक्किल एक सम्मानित, इमानदार छवि वाले नेता हैं। लोगों ने उन्हें उनकी ईमानदारी और कर्मठता को देखते हुए ही दाे बार अपना सांसद बनाया है। वह पीएमओ में मंत्री हैं। आपने उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया है। इसलिए अपने आरोप वापस लें। सार्वजनिक रुप से माफी मांगे।
अदालत में केस दर्ज कराते हुए नागरथ ने कहा गया है कि विक्रम रंधावा को कानूनी नोटिस के जरिए माफी मांगने व आरोप वापस लेने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया था, लेकिन उनके ऐसा न करने की स्थिति में ही मामला दायर करने पर विवश होना पड़ा है।