Jammu Kashmir: महबूबा बोली- सत्ता से नहीं दबाई जा सकती लोगों की आवाज
पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सत्ता से लोगों की आवाज को नहीं दबाया जा सकता है। कश्मीर मुद्दे का समाधान सिर्फ बातचीत से ही संभव है। पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पांचवीं पुण्यतिथि पर दारो शिको बाग बिजबेहाड़ा में श्रद्धांजलि दे
जम्मू, राज्य ब्यूरो । पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सत्ता से लोगों की आवाज को नहीं दबाया जा सकता है। कश्मीर मुद्दे का समाधान सिर्फ बातचीत से ही संभव है। पूर्व मुख्यमंत्री और अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की पांचवीं पुण्यतिथि पर दारो शिको बाग बिजबेहाड़ा में श्रद्धांजलि देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके पिता बहुत ही दूरदर्शी थे जिन्होंने हमेशा और बातचीत और शांति पर जोर दिया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने और लोगों के बीच विश्वास बहाली के लिए कई कदम उठाए। वह हमेशा यह कहते थे कि जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच पुल का काम करना चाहिए। उनका मानना था कि हर मुद्दे को बातचीत से हल किया जा सकता है। बातचीत से ही शांति संभव है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भारत सरकार यहां शांति चाहती है तो उन्हें स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद के विजन पर अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद हर समय भारत पर जोर देते थे कि जम्मू-कश्मीर के सभी हितधारकों से बातचीत हो। भारत के पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध हों।
महबूबा ने कहा कि मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर भारत के साथ खड़ा रहा। लेकिन गत वर्ष यहां से अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर के लोगों को केंद्र से दूर करने का कम किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने का एकमात्र हल बातचीत ही है। अमेरिका तक ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। अब वह भी तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता से आप लोगों के दिलों और दिमाग को नहीं जीत सकते हैं। आप लोगों को कैद कर सकते हैं लेकिन उनके विचारों को नहीं। इस मौके पर पीडीपी के अन्य कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी के जम्मू स्थित कार्यालय में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां पर कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए जम्मू-कश्मीर व देश के विकास में दिए गए उनके योगदान को याद किया।