जम्मू कश्मीर कोई दुश्मन का इलाका नहीं, यहां बाहुबल से नहीं चलेगा कामः महबूबा मुफ्ती
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने केंद्र को ताकीद करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में बाहुबल के इस्तेमाल से काम नहीं चलेगा।
श्रीनगर [राज्य ब्यूरो़]। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने केंद्र को ताकीद करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में बाहुबल के इस्तेमाल से काम नहीं चलेगा। जम्मू कश्मीर कोई दुश्मन का इलाका नहीं है। यहां लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शांति और सद्भाव के आधार पर ही आगे बढ़ना होगा। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों में राज्य में किसी अन्य दल के साथ सरकार बनाने की संभावना से भी इन्कार किया।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से गठबंधन सरकार से अलग होने का फैसला करने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को दिन में करीब पौने तीन बजे राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात कर उन्हें अपना और मंत्रिमंडल के सदस्यों का इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा सौंपने और पार्टी नेताओं के साथ अगली रणनीति तय करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा कि हम फिलहाल किसी अन्य दल के साथ सरकार नहीं बनाने जा रहे हैं।
कुर्सी के लिए नहीं किया गठबंधन
उन्होंने कहा कि हमने भाजपा के साथ गठबंधन कुर्सी के लिए नहीं किया था। 2014 में जो जनादेश था और राज्य के जो हालात थे, उन्हें देखकर ही हमने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। बहुत से लोगों को यह गठबंधन पसंद नहीं आया, लेकिन गठबंधन का मकसद कुर्सी नहीं बल्कि बहुत बड़ा था। इनमें पाकिस्तान के साथ बातचीत, कश्मीर केंद्रित विश्वास बहाली के कदम, सुलह और संघर्ष विराम जैसे मसले थे। इनपर काम भी हुआ है।
अनुच्छेद 370 व 35ए का संरक्षण किया
महबूबा ने कहा कि बीते तीन-चार वर्षो के दौरान हमारी सरकार ने अनुच्छेद 370 का संरक्षण किया है और अनुच्छेद 35ए को भंग करने की कोशिशों को नाकाम बनाया है। हमने 11 हजार नौजवानों के खिलाफ दर्ज पत्थरबाजी व अन्य मामले वापस लिए हैं। जम्मू कश्मीर में रमजान संघर्षविराम भी हुआ, हुर्रियत को बातचीत की पेशकश की गई, लेकिन चीजें आगे नहीं बढ़ सकीं।
एजेंडा ऑफ एलांयस पर बहुत काम किया
महबूबा ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन पर जो एजेंडा ऑफ एलांयस तय हुआ था, उस पर भी बहुत काम किया गया है। इसके अलावा हमने राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत बनाए रखते हुए गौरक्षकों के आतंक को समाप्त करने के अलावा रसाना व कठुआ में भी अल्पसंख्यकों की हिफाजत और पीडि़तों के लिए इंसाफ को यकीनी बनाया है।
भाजपा के अलग होने से मैं हैरान नहीं
भाजपा द्वारा सरकार से अलग होने संबंधी सवाल पर महबूबा ने कहा कि मैं इससे हैरान नहीं हूं। अगर कुर्सी हमारी प्राथमिकता होती तो हम नेशनल कांफ्रेंस या कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाते, लेकिन हमारा मकसद इस राज्य में ¨हसा का वातावरण समाप्त कर यहां सुलह और शांति का दौर बहाल करना था। हमारा मकसद बड़ा था, इसलिए हमने भाजपा से हाथ मिलाया था। तमाम मुश्किल हालात के बीच पीडीपी के कार्यकर्ताओं ने हमारा पूरा साथ दिया है। हम लोगों की बेहतरी और रियासत में सुलह व शांति का माहौल बनाने तथा कश्मीर मसले के हल के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे।