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Jammu Kashmir : महबूबा को रास नहीं आई गिलानी के परिजनों के खिलाफ एफआइआर

इस वीडियो में गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखाया गया था। हालांकि जैसे ही पुलिस शव को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ी तो गिलानी के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया। गिलानी का लंबी बीमारी के बाद बुधवार रात को निधन हो गया था।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 09:37 PM (IST)
Jammu Kashmir : महबूबा को रास नहीं आई गिलानी के परिजनों के खिलाफ एफआइआर
इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को केंद्र पर जमकर निशाना साधा था।

 जम्मू्, राज्य ब्यूरो : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और उसकी मौत के बाद कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है। बडगाम पुलिस ने एक वीडियो क्लिप का संज्ञान लेते हुए गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत अज्ञात लोगें के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

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इस वीडियो में गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखाया गया था। हालांकि जैसे ही पुलिस शव को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ी तो गिलानी के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया। 91 वर्षीय गिलानी का लंबी बीमारी के बाद बुधवार रात को उनके आवास पर निधन हो गया था। शव को पास की एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया। अब इस पर राजनीति होने लगी है। महबूबा मुफ़ती ने ट्विट कर प्राथमिकी दर्ज करने की आलोचना की। महबूबा ने लिखा कि कश्मीर को एक खुली जेल में बदलने के बाद अब मृतकों को भी नहीं बख्शा गया है। एक परिवार को शोक करने और उनकी इच्दा के अनुसार अंतिम विदाई देने की अनुमति भी नहीं है। गिलानी के परिवार के सदस्यों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज करना सरकार की निर्दयता को दिखाता है। यह नए भारत का नया कश्मीर है।

इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को केंद्र पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि केंद्र का यह दावा कि जम्मू-कश्मीर के लोग समान अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह एक सफेद झूठ है। कश्मीर में किसी भी प्रतिक्रिया की आशंका के चलते कश्मीर की घेराबंदी की जाती है, वह चिंताजनक और असंवेदनशील है। महबूबा का यह बयान अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिालानी की मौत के बाद प्रशासन द्वारा मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं बंद करने के बाद आया था।


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