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Mehbooba Mufti Tweets: महबूबा मुफ्ती घर पर फिर हुई नजरबंद, ट्वीट कर दी जानकारी

पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों पर उन्हें श्रीनगर में घर पर नजरबंद करने का आरोप लगाया है। महबूबा मुफ्ती ने इंटरनेट मीडिया पर ट्वीट किया कि मुझे घर में बंद कर दक्षिण कश्मीर के त्राल में जाने से रोक दिया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 11:27 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 11:54 AM (IST)
Mehbooba Mufti Tweets: महबूबा मुफ्ती घर पर फिर हुई नजरबंद, ट्वीट कर दी जानकारी
पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

जम्मू, जेएनएन। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों पर उन्हें श्रीनगर में घर पर नजरबंद करने का आरोप लगाया है। महबूबा मुफ्ती ने इंटरनेट मीडिया पर ट्वीट किया कि मुझे घर में बंद कर दक्षिण कश्मीर के त्राल में जाने से रोक दिया। उन्होंने कहा यह है कश्मीर की असली तस्वीर। केंद्र सरकार के मंत्रियों के सैनिटाइज किए गए पिकनिक टूअर के बजाय इसे उजागर किया जाए। 

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं आज दक्षिण कश्मीर के त्राल जाना चाहती थी। लेकिन पुलिस ने मुझे घर में नजरबंद कर दिया है। मेरे घर के बाहरी दरवाजे पर पुलिस ने बाहर से ताला लगा दिया है। त्राल में बीते दिनों सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की है, मैं वहां हालात का जायजा लेने और पीड़ितों से मिलने जाना चाहती थी।इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती को एसपी अवंतीपोर व दक्षिण कश्मीर रेंज के डीआइजी ने सुरक्षा कारणों से त्राल न जाने की सलाह दी है।

यहां यह बता दें कि गत दो दिन पहले ही महबूबा मुफ्ती को मीडिया की स्वतंत्रता पर चिंता सताई थी। उन्होंने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखा कि विशेषकर कश्मीर में पत्रकारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लिहाजा कश्मीर में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया इस मामले की जांच के लिए कश्मीर में एक टीम भेजे।

इतना ही नहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में पीडीपी पार्टी कार्यालय के बाहर मीडिया की स्वतंत्रता और अधिकारों के तथाकथित हनन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। गुलाम नबी लोन ने कहा था कि कश्मीर में अभिव्यक्ति की आजादी का हक खत्म हो चुका है। यहां जो कोई भी सरकार की जननीतियों के खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ लिखता है उसे झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है।


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