Move to Jagran APP

Mehbooba Mufti का सरकार पर आरोप, कश्मीरियों को गंभीर परिणाम की चेतावनी देकर तिरंगा फहराने को किया मजबूर

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज अपने ट्विटर हैंडल पर एक के बाद एक कर कईं ट्वीट किए। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अक्टूबर 1947 में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भारतीय राष्ट्र ध्वज को स्वीकार किया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 08:13 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 07:48 AM (IST)
Mehbooba Mufti का सरकार पर आरोप, कश्मीरियों को गंभीर परिणाम की चेतावनी देकर तिरंगा फहराने को किया मजबूर
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को बिना नाम लिए अनुच्छेद 370 का रोना रोते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 1947 में ही राष्ट्रध्वज तिरंगा अपनाया था, लेकिन कुछ संवैधानिक शर्ताें व गारंटी के साथ, जिन्हें 2019 में नेस्तनाबूद कर दिया गया। वह यहीं पर नहीं रूकी और उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि कश्मीरियों को गंभीर परिणामों की चेतावनी देकर राष्ट्रध्वज फहराने को मजबूर किया गया।

loksabha election banner

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज अपने ट्विटर हैंडल पर एक के बाद एक कर कईं ट्वीट किए। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अक्टूबर 1947 में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भारतीय राष्ट्र ध्वज को स्वीकार किया। लेकिन कुछ शर्तों और संवैधानिक गारंटी के साथ कि जैसे जम्मू-कश्मीर का अपना झंडा और संविधान होगा। इसके साथ ही उन्होंने 1950 की एक तस्वीर भी अपलोड की है जिसमें श्रीनगर के ऐतिहासिक लालचौक में देश के पहले प्रधानमंत्री स्व पंडित जवाहर लाल नेहरू एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इसमें उनके एक तरफ तिरंगा है तो दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर का अपना ध्वज।

महबूबा मुफ्ती ने लिखा है कि जवाहर लाल नेहरू दो ध्वजोें, भारत के राष्ट्रीय ध्वज और जम्मू-कश्मीर राज्य के ध्वज के बीच खड़े हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य ध्वज संवैधानिक तौर पर 1952 में अपनाया गया, लेकिन भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे को पूरा करने के लिए इसे 2019 में समाप्त कर दिया गया। भारत का राष्ट्रीय ध्वज जिन सिद्धांतों और आदर्शों के लिए खड़ा है, वह सभी नष्ट होने के कगार पर हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देश की स्वतंत्रता की 76वीं वर्षगांठ पर हजारों की तादाद में कश्मीरियों द्वारा राष्ट्र ध्वज फहराए जाने के जम्मू-कश्मीर प्रशासन के दावे पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन बड़ी बेशर्मी के साथ दावा कर रहा है कि कश्मीरियों ने राष्ट्रध्वज फहराया है। सच तो यह है कि लोगों को यहां इसके लिए मजबूृर किया गया। उन्हें धमकाया गया कि अगर राष्ट्रध्वज नहीं फहराया तो अंजाम बुरा होगा। विलय के 75 वर्ष बाद भारत सरकार अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर कश्मीरियों को अपने छद्म राष्ट्रवाद में शामिल होने को मजबूर कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.