Kashmir situation: इजाजत के बावजूद इल्तिजा को नहीं जाने दिया मुफ्ती की मजार पर, नजरबंद किया
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस के अधिकारी प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री की नातिन और बेटी के साथ इस तरह का व्यवहार पुलिस को शोभा नहीं देता।
श्रीनगर, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद की चौथी बरसी पर उनकी नातिन इल्तिजा मुफ्ती को उनकी मजार पर जाने की इजाजत नहीं दी गई। पुलिस ने उन्हें घर से बाहर नहीं आने दिया। इसका इल्तिजा ने कड़ा विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरे प्रशासन को आड़े हाथों लिया। दो दिन पहले ही इल्तिजा ने सरकार से स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद की मजार पर जाने की इजाजत मांगी थी। प्रशासन ने इसे मंजूर भी कर लिया था लेकिन मंगलवार दोपहर बाद जैसे ही इल्तिजा ने घर से बाहर जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें गेट से बाहर नहीं आने दिया।
इस पर बौखलाई इल्तिजा ने आरोप लगाया कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने माता से मिलने के लिए जाते हैं तो साथ में पूरे मीडिया को ले जाते हैं लेकिन कश्मीर में शांति का दावा करने वाली सरकार उन्हें अपने नाना की मजार पर जाने नहीं दे रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या कश्मीर में ऐसी ही शांति है जहां पर उन्हें अपने नाना की मजार पर भी नहीं जाने दिया जा रहा है। नाराज इल्तिजा ने सरकार से अपनी सुरक्षा वापिस लेने की भी मांग कर दी। उन्होंने कहा कि उन्हें स्पेशनल सिक्योरिटी ग्रुप की कोई जरूरत नहीं है। सरकार इस सुरक्षा कवर को उनके कहीं पर भी आने-जाने पर रोक लगाने के लिए इस्तेमाल कर रही है। इल्तिजा ने कहा कि वह इस बारे में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी लिखेंगी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस के अधिकारी प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री की नातिन और बेटी के साथ इस तरह का व्यवहार पुलिस को शोभा नहीं देता। इल्तिजा ने कहा कि इस देश में मुस्लिम होना ही अपराध है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आतंकवादियों द्वारा 1989 में अगवा की गई डॉ रूबिया सईद की सुरक्षा भी प्रशासन ने वापिस लेकर उनकी जान को खतरे में डाल दिया है।
गौरतलब है कि इल्तिजा की मां और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ ही पांच अगस्त 2019 से हिरासत में रखा गया है।