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Jammu and Kashmir: लॉकडाउन के कारण लंबे समय से मांस के शौकीन भूखे कुत्तों ने 20 भेड़-बकरियों को निवाला बनाया

लॉकडाउन के कारण लंबे समय से भूखे कुत्तों के एक दल ने 20 भेड़-बकरियों को निवाला बनाया बक्करवालों के 19 भेड़-बकरियां घायल मांसाहार के शौकीन हैं भंडारकूट के कुत्ते

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:58 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 08:58 AM (IST)
Jammu and Kashmir: लॉकडाउन के कारण लंबे समय से मांस के शौकीन भूखे कुत्तों ने 20 भेड़-बकरियों को निवाला बनाया
Jammu and Kashmir: लॉकडाउन के कारण लंबे समय से मांस के शौकीन भूखे कुत्तों ने 20 भेड़-बकरियों को निवाला बनाया

किश्तवाड़, बलवीर सिंह जम्वाल। लॉकडाउन के कारण लंबे समय से भूखे और मांस के शौकीन कुत्तों के एक दल ने किश्तवाड़ के भडांरकूट में बक्करवालों के एक डेरे पर हमला कर 20 भेड़-बकरियों को निवाला बना लिया और 19 को घायल कर दिया। बक्करवालों के डेरे के साथ चलने वाले खूंखार कुत्तों या किसी बक्करवाल एक नहीं चली। बक्करवालों का डेरा मैदानी इलाकों से पहाड़ी इलाकों की तरफ जा रहा था।

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जम्मू इलाके से इस्माइल गुज्जर हर साल की भांति माड़वा इलाके के पहाड़ों पर अपने माल मवेशी को लेकर जा रहा था। लॉकडाउन के चलते ये लोग इस बार देरी से जा रहे थे। बुधवार कर रात को गुज्जरों ने भडांरकूट में दरिया चिनाब के किनारे अपना डेरा जमाया। रात को कुत्तों का एक झुंड भेड़-बकरियों पर टूट पड़ा। कुछ ही देर में कुत्तों ने 20 भेड़-बकरियों को मौत के घाट उतार दिया और 19 के करीब हो गए। इस घटना से इलाके के लोग सहम गए हैं। कुत्तों के झुंड का ऐसा हमले अपने आपमें पहली घटना है। घटना की जानकारी मिलने पर किश्तवाड़ से पशु चिकित्सकों का दल घटनास्थल पर पहुंच कर घायल भेड़-बकडि़यों का इलाज किया।

बक्करवालों के हिंसक कुत्तों की एक नहीं चली

आश्चर्य की बात यह है कि बक्करवालों के डेरे के साथ कई खूंखार कुत्ते भी चलते हैं। उनके कुत्ते ऐसे होते हैं कि जंगली इलाके में तेंदुए जैसे हिंसक पशुओं से मुकाबला कर भेड़-बकरियों और गुज्जरों की रक्षा करते हैं। लेकिन भूखे कुत्तों के इस झुंड के सामने उनकी एक नहीं चली। इससे गुज्जर भी भौचक्क रह गए। हादसे के बाद प्रशासन की तरफ से पुलिस ने मौके पर जाकर तहकीकात शुरू कर दी है।

जियारत पर बलि से भरता था इन कुत्तों का पेट

दरअसल, चंद्रभागा और मारूसूदन दरिया का संगम स्थल है भंडारकूट। वहां एक तरफ नील गंगेश्र्वरी मंदिर और दूसरी तरफ एक प्रसिद्ध दरगाह। इस दरगाह पर बड़ी संख्या में लोग मन्नत मांगते हैं। मन्नत पूरी होने पर लोग यहां भेड़-बकड़े और मुर्गो की बली चढ़ाते रहे हैं। वहीं पर उसे बनाकर खाया भी जाता है। बचे मांस हड्डियां लोग वहीं फेंका करते थे, जो वहां के कुत्तों का अहार होता था। लॉकडाउन के कारण जियारत पर लोगों का आना और बलि बंद हो गई। मांस खाने के शौकीन हो चुके कुत्तों का पेट भरना मुश्किल हो गया। एक साथ ढेर भेड़-बकरियां देखकर भूखे कुत्तों ने उन पर आक्रमण कर दिया।

राजेंद्र सिंह तारा, डीसी, किश्तवाड़- भूखे कुत्तों का इस तरह हमला करना बड़ी बात है। इसके लिए जांच टीम बैठाएंगे। कुत्तों के इस आतंक को कम करने के कारगार उपाए की रणनीति बनाई जाएगी।


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