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रोप वे में तीन मिनट में पहुंचेंगे भैरो घाटी तक

जेएनएन, जम्मू/कटड़ा: माता वैष्णो देवी के भवन से भैरो घाटी तक पहुंचने के लिए अब तीन मिनट

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 01:59 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 01:59 AM (IST)
रोप वे में तीन मिनट में  पहुंचेंगे भैरो घाटी तक
रोप वे में तीन मिनट में पहुंचेंगे भैरो घाटी तक

जेएनएन, जम्मू/कटड़ा: माता वैष्णो देवी के भवन से भैरो घाटी तक पहुंचने के लिए अब तीन मिनट लगेंगे। जल्द ही पैसेंजर रोप वे प्रोजेक्ट का काम संपन्न हो जाएगा। इसके बाद अब भैरो जी के दर्शन और आसान हो जाएंगे। भवन से यहां पैदल पहुंचने में तीन घंटे लगते हैं। शनिवार को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिमरनदीप ¨सह ने भवन में यात्री रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यो की प्रगति का जायजा लिया। प्रोजेक्ट पूरा होने के करीब है। इसमें प्रति एक घटे में करीब 800 यात्रियों को भवन से भैरो मंदिर तक ले जाने की क्षमता होगी। रोप-वे का प्रति श्रद्धालु सिर्फ 100 रुपये किराया देना होगा। रोप वे के कई बार सभी परीक्षण हो चुके हैं जोकि सफल रहे हैं। अब श्राइन बोर्ड संबंधित कंपनियों से एनओसी लेने के इंतजार में है। उम्मीद है कि नववर्ष या उससे पहले श्रद्धालुओं को पैसेंजर रोप वे का तोहफा मिल सकता है। -------------------

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मॉक ड्रिल और अन्य जुड़े मुद्दों पर चर्चा

सीईओ ने बैठक में अधिकारियों के साथ रोपवे प्रोजेक्ट के लिए टिकट वितरण के लिए प्रशिक्षण प्राप्त स्टाफ की तैनाती, कतारों का प्रबंधन, दिव्यांग व सीनियर सिटीजन के लिए सुविधाएं, सीसीटीवी कैमरों, पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम, अग्निशमन उपकरणों को लगाने, आपात स्थिति में बचाव कार्यों के लिए मॉक ड्रिल और अन्य जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। मनोकामना भवन की छत पर बनाए गए वे¨टग हॉल एवं टिकट सेंटर का भी सीईओ ने जायजा लिया। रोपवे प्रोजेक्ट में रैंप को बेहतर तरीके से तैयार करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक वर्मा, चीफ एकाउंट ऑफिसर हेमकंत पराशर, डिप्टी सीईओ अर¨वद करवानी, अमित वरमानी, एसडीएम नरेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

----------------------- भैरो घाटी की कठिन है चढ़ाई

भवन से भैरो घाटी तक तीन किमी की कठिन चढ़ाई के कारण सभी श्रद्धालुओं के लिए भैरो घाटी पहुंचना संभव नहीं होता। दिव्याग, उम्रदराज और बीमार लोग चाहते हुए भैरो घाटी नहीं पहुंच पाते। बरसात, बर्फबारी के दौरान भक्तों को काफी दिक्कतें आती हैं। 30 से 40 फीसद भक्त भैरो घाटी पहुंच पाते हैं।

13.0 किलोमीटर का सफर तय करके पहुंचते हैं भवन

आधार शिविर कटड़ा से श्रद्धालु बाणगंगा, चरण पादुका, आद्कुंवारी, हिमकोटी, साझी छत से होते हुए समुद्र तल से 5200 मीटर की ऊंचाई पर करीब 13.0 किलोमीटर का सफर तय करके भवन में पहुंचते हैं। आद्कुंवारी से वैकल्पिक सीधे ट्रैक से अधिकाश यात्री भवन तक पहुंचते हैं। आम दिनों 20 से 25 हजार, गर्मी की छुट्टियों में 35 हजार से अधिक और नवरात्र पर 45 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। स्विट्जरलैंड की कंपनी के हाथ में प्रोजेक्ट

75 करोड़ की रोपवे योजना पर स्विट्जरलैंड की कंपनी गारावेंटा व भारत की दामोदर रोपवे कंपनी काम रही है। ज्यादातर मशीनरी, स्पेयर पार्ट व दो केबल कार कोच स्विट्जरलैंड से मंगवाए हैं। वर्ष 2013 में इसका काम शुरू हुआ जिसका नींव पत्थर तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने रखा था।

-रोपवे पर दो केबल कोच लगे हैं। कोच स्वचालित होने के साथ वातानुकूलित होंगे।

-कोच के दरवाजे अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे।

--कोच में सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे।

-प्रतिदिन एक घटे में 800 श्रद्धालु केबल कोच से सफर कर सकेंगे।

-केबल कार दिन में काम करेगी। दिन में दस घटे तक चलेगी।


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