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Mata Vaishno Devi Yatra: खराब मौसम का असर वैष्णो देवी यात्रा पर भी, दूसरे दिन भी नहीं चली बेटरी कार

बारिश के बीच रेन कोट व छाता लिए श्रद्धालु परिजनों के साथ मां वैष्णों के जयकारे लगाते हुए यात्रा मार्ग पर आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 05:42 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 05:42 PM (IST)
Mata Vaishno Devi Yatra: खराब मौसम का असर वैष्णो देवी यात्रा पर भी, दूसरे दिन भी नहीं चली बेटरी कार
Mata Vaishno Devi Yatra: खराब मौसम का असर वैष्णो देवी यात्रा पर भी, दूसरे दिन भी नहीं चली बेटरी कार

कटड़ा, संवाद सहयोगी। खराब मौसम तथा लगातार बारिश का प्रभाव विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी यात्रा पर भी पड़ रहा है। बेटरी कार मार्ग पर भूस्खलन होने के कारण लगातार दूसरे दिन भी यह मार्ग श्रद्धालुओं के लिए बंद रहा। श्रद्धालुओं की आस्था व उनकी सुरक्षा को मद्देनजर रख श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने पारंपरिक मार्ग से यात्रा को सुचारू रखा। इसी बीच कटड़ा से चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा भी बंद रही। हालांकि वैष्णो देवी भवन तथा भैरव घाटी के बीच चलने वाली पसेंजर केबल कार सुचारू रूप से चल रही है। जिसका श्रद्धालु भरपूर लाभ उठा रहे हैं|

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बेटरी कार सेवा, हेलीकॉप्टर सेवा दूसरे दिन भी नहीं चलने से श्रद्धालु हुए परेशान

खराब मौसम तथा लगातार हो रही बारिश के चलते गत बुधवार देर रात को बेटरी कार मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण वीरवार को भी यह मार्ग यात्रा के लिए बंद रखा गया। बोर्ड के कर्मचारियों ने बताया कि अभी भी इस मार्ग पर पहाड़ों से पत्थर आदि गिरने का सिलसिला लगातार जारी है| मार्ग पूरी तरह से साफ करने व सुरक्षा को यकीनी बनाने के बाद ही यह मार्ग श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। आपदा प्रबंधन दल के साथ ही इंफोर्समेंट विंग, इंजीनियरिंग विंग तथा श्राइन बोर्ड प्रशासन के सफाई कर्मचारी इस महत्वपूर्ण मार्ग को सुचारू करने के लिए लगातार जुटे भी हुए हैं। इसी के साथ कटड़ा से हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सके क्योंकि त्रिकूटा पर्वतों पर घनी धुंध छाई हुई है। देश भर से आए श्रद्धालुओं को मजबूरन पैदल या फिर घोड़ा-पिट्ठू अथवा पालकी आदि कर पारंपरिक मार्ग से ही अपनी यात्रा करनी पड़ रही है।

यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं में उत्साह भरकरार

परेशानियों के बावजूद मां वैष्णों के श्रद्धालुओं के हौसले बुलंद हैं। बारिश के बीच रेन कोट व छाता लिए श्रद्धालु परिजनों के साथ मां वैष्णों के जयकारे लगाते हुए यात्रा मार्ग पर आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं। पारंपरिक मार्ग से मां वैष्णो देवी के भवन की ओर आ जा रहे हैं हालांकि अपनी वैष्णो देवी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को लगातार हो रही बारिश के बारिश के साथ ही ठंडी हवाओं तथा पारंपरिक मार्ग के कुछ स्थानों पर फिसलन आदि का सामना करना पड़ रहा है पर तमाम दुश्वारियो के बावजूद श्रद्धालुओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं ।और श्रद्धालु निरंतर मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगा रहे हैं| वीरवार शाम 4:30 बजे तक करीब 14000 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा कर परिजनों के साथ वैष्णो देवी भवन की ओर रवाना हो चुके थे और श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी था|

श्रद्धालुओं को दिए जा रहे आवश्यक संदेश

श्रद्धालुओं को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह यात्रा के दौरान अपने परिजनों को साथ रखें और पूरी सतर्कता के साथ ही यात्रा पर आगे बढ़ें। यात्रा के दौरान अगर कहीं भी प्राकृतिक आपदा को लेकर कोई घटना होती है तो वह तुरंत सूचना केंद्र को संपर्क करें। दूसरी ओर मां वैष्णो देवी के पारंपरिक मार्ग के चप्पे-चप्पे पर आपदा प्रबंधन दल के साथ ही इंफोर्समेंट विंग, इंजीनियरिंग विंग यहा तक कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के कर्मचारी तथा अधिकारी लगातार तैनात हैं। वह लगातार यात्रा मार्ग व व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं।

7 महीनों में करीब 47.36 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन

इस साल के आरंभ से अब तक यानी 7 महीनों में करीब 4736792 श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगा चुके हैं| बीते साल पहले 7 महीनों में यह आंकड़ा 5269281 था। यानी इस साल यात्रा में कमी दर्ज की गई है। श्रद्धालुओं की कम हुई संख्या की कई वजह रही हैं। इनमें जनवरी माह में प्रयागराज में जारी महाकुंभ, उसके उपरांत पुलवामा आत्मघाती हमला, भारत व पाक के बीच तनाव तथा उसके बाद परीक्षाएं व लोकसभा चुनाव आदि। वर्तमान में 19 हजार से 23 हजार श्रद्धालु रोजाना मां के दरबार हाजिरी लगाने पहुंच रहे हैं। वहीं जानकारों का मानना है कि यात्रा का रुझान अगर इसी तरह बना रहा तो संभव है कि वर्ष के अंत तक यह यात्रा का आंकड़ा बीते वर्ष को छू जाएगा।

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