राज्य ब्यूरो, जम्मू: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मासिक रेडियो कार्यक्रम आवाम की आवाज के दो वर्ष पूरे होने पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई दी है। उपराज्यपाल ने कहा कि ये दो वर्ष गरीबों के कल्याण, नीति निर्माण में जनता की भागीदारी, महिलाओं, किसानों और युवाओं के सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहे हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि आवाम की आवाज लोगों की आवाज है और प्रत्येक नागरिक को जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

उपराज्यपाल ने कहा कि इसने पिछले दो वर्षों में लाखों लोगों के जीवन को छुआ है और जहां तक पथ प्रदर्शक जनकेंद्रित सुधारों का संबंध है तो इसमें बदलाव भी देखा है। जनता पहले, हमारा शासन मंत्र है। हमारा दृष्टिकोण एक भरोसेमंद, समृद्ध और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर का निर्माण करना है और हम नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सामुदायिक सेवा और योगदान की कहानियों को साझा किया

आवाम की आवाज के 24वें संस्करण के दौरान उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की कला और शिल्प और भाषाई विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में नागरिकों के अभिनव प्रयासों, सामुदायिक सेवा और योगदान की कहानियों को साझा किया। उन्होंने बारामुला के टंगमर्ग के गौहर अली खान के अनुकरणीय प्रयास पर प्रकाश डाला जिन्होंने कृषि में नए नवाचारों और नई तकनीकों को अपना एकीकृत कृषि प्रणाली में क्रांति लाई। 

किश्तवाड़ की ऋचा शर्मा की कहानी भी साझा की। ऋचा ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से एक स्वयं सहायता समूह चलाती हैं डिस्पोजेबल पेपर कप और प्लेट बनाती है। उपराज्यपाल ने कहा कि उनकी सफलता नवोदित महिला उद्यमियों को प्रेरित कर रही है।

निःस्वार्थ प्रयासों की सराहना भी की

सिन्हा ने शिल्पकार गुलाम मोहम्मद बेग का भी उल्लेख किया जो जम्मू-कश्मीर शिल्प की अमूल्य कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने उधमपुर के स्वतंत्र देव कोतवाल के निःस्वार्थ प्रयासों की सराहना भी की। कोतवाल एक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, एक वकील, एक लेखक और एक कोविड योद्धा के रूप में कई भूमिकाएं निभाते हैं।

उपराज्यपाल ने कहा कि सार्वजनिक सेवा के लिए उनकी भक्ति वास्तव में समाज को प्रेरित कर रही है। उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर के इतिहास और संस्कृति के इतिहासकार के रूप में पुंछ के केडी मैनी के योगदान पर भी प्रकाश डाला। उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों की भाषाई विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।

Edited By: Himani Sharma