Jammu: सांबा जिले के कंडी इलाकों में मक्की की फसल भी गिरी
सांबा जिले में हर साल करीब 14 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान जबकि करीब 9000 हेक्टेयर में मक्की और दाल की खेती होती है। कंडी इलाकों में किसान मक्की की खेती करते हैं। वहां पानी की कमी होने से किसान धान की खेती नहीं कर पाते हैं।
सांबा, संवाद सहयोगी : जिले में हर साल करीब 14 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान, जबकि करीब 9000 हेक्टेयर में मक्की और दाल की खेती होती है। कंडी इलाकों में किसान मक्की की खेती करते हैं। वहां पानी की कमी होने से किसान धान की खेती नहीं कर पाते हैं। शनिवार को बारिश, आंधी और ओलावृष्टि ने मैदानी इलाकों में धान और सब्जी की फसलों के साथ ही कंडी क्षेत्रों में मक्की की फसल भी बर्बाद कर दी है।
कृषि विभाग के जिला अधिकारी संजय वर्मा ने बताया कि सांबा जिले में हमारे दो ब्लॉक रामगढ़ और विजयपुर में किसानों की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। सांबा और घगवाल ब्लाक में भी कई गांवों में किसानों को नुकसान हुआ है। सीमावर्ती गांव कंगवाला के किसान दर्शन ¨सह ने बताया कि हमारे खेत भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगते हैं। इससे पहले कई बार हमारी फसल गोलाबारी से खराब हुई है। साल 2014 में भी हमारी फसल बर्बाद हो गई थी। अब तक सरकार ने इसका मुआवजा भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार उनकी छह एकड़ में धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। कर्ज लेकर खेती की थी। अब सरकार से अपील है कि वह जल्द से जल्द मुआवजा जारी करे, ताकि राहत मिले।
फसल पानी में डूबने से बाजार में नहीं मिलेंगे अच्छे दाम
बारिश व ओलावृष्टि ने शनिवार को परगवाल में जमकर कहर ढाया है। इसने किसानों के खेतों में पककर तैयार खड़ी धान की फसल को बर्बाद कर दिया है। किसानों ने महंगाई में कर्ज लेकर अपनी फसल लगाई थी। ऐसे में अब उन्हें कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है। जब बारिश रुकी तो किसान अपने परिवार के साथ खेत में पहुंचे और पानी की निकासी का प्रयास शुरू किया, लेकिन जिस तरह ओलावृष्टि हुई है, उससे अब अनाज की गुणवत्ता कम हो जाएगी। ऐसे में इसे बाजार में बेचना बहुत मुश्किल होगा। क्षेत्र के किसान गोपाल शर्मा ने सरकार से मांग की है कि वह किसानों को मुआवजा जारी करे। नायब सरपंच सूरम ¨सह ने कहा कि किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने परगवाल तहसीलदार से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।