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Amarnath Yatra 2022 : अमरनाथ यात्रा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों से सुझाव ले प्रशासन व श्राइन बोर्ड : महंत दीपेंद्र गिरि

वादी में चाहे कितने भी हालात खराब रहे हों लेकिन पहलगाम और इसके आस पास के लोगों ने पवित्र छड़ी मुबारक का सहयोग किया है। उन्होंने विरोध में कभी बंद नहीं किया। मैं यह मानकर चलता हूं कि जब हम किसी से प्रेम करेंगे तो अगला भी प्रेम ही करेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 08:35 AM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 08:35 AM (IST)
Amarnath Yatra 2022 : अमरनाथ यात्रा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों से सुझाव ले प्रशासन व श्राइन बोर्ड : महंत दीपेंद्र गिरि
30 जून से यात्रा शुरू हुई थी जो रक्षाबंधन को संपन्न होगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरि ने कहा कि प्रदेश प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को चाहिए कि यात्रा संपन्न होने पर यात्रा प्रबंधन से जुड़े सभी प्रमुख अधिकारियों से एक रिपोर्ट व सुझाव ले, जिन्हें अगली तीर्थयात्रा को बेहतर बनाने के लिए प्रयोग में लाया जा सके। इस बीच, भगवान अमरेश्वर की पवित्र छड़ी मुबारक को पहलगाम पहुंची। यहां यहां गौरी शंकर मंदिर में पवित्र छड़ी पूजन और आरती की गई। यह पहलगाम से चंदनबाड़ी के लिए रवाना होगी। 12 अगस्त को सुबह पांच बजे पवित्र गुफा में दर्शन करेगी। इसके पहले यह 10 अगस्त को शेषनाग पहुंचेगी।

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गौरी शंकर मंदिर में आरती के बाद महंत दीपेंद्र गिरि ने कहा कि यात्रा मार्ग, पवित्र गुफा और आधार शिविरों में तैनात अधिकारियों ने यात्रा को पूरी तरह अनुभव किया होता है, उन्हें पता होता है कि कौन से दिक्कत आती है और उसे कैसे दूर किया जाए, उनके अनुभव का लाभ लिया जाना चाहिए।

वादी में चाहे कितने भी हालात खराब रहे हों, लेकिन पहलगाम और इसके आस पास के लोगों ने पवित्र छड़ी मुबारक का सहयोग किया है। उन्होंने विरोध में कभी बंद नहीं किया। मैं यह मानकर चलता हूं कि जब हम किसी से प्रेम करेंगे तो अगला भी प्रेम ही करेगा। जब हम किसी को कोई बात अपने हृदय से कहेंगे तो वह उसके हृदय में ही उतरेगी। जब सोच समझकर, दिमाग लगाकर बात कहेंगे तो अगले के दिल के बजाय दिमाग से ही जवाब आएगा। हृदय का हृदय संबंध ही मानवीय संबंध है।

उधर, जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से पांच अगस्त के बाद किसी जत्थे को रवाना नहीं किया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ दिन पहले कहा था कि श्रद्धालुओं को पांच अगस्त से पहले दर्शन कर लेने चाहिए क्योंकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बारिश हो सकती है। अब बहुत कम श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर विभिन्न शिविरों में हैं जो दर्शन कर रहे हैं।

30 जून से यात्रा शुरू हुई थी जो रक्षाबंधन को संपन्न होगी। इस बार यात्रा के दौरान आठ जुलाई को पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना हुई जिसमें 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। बारिश के कारण कई बार यात्रा को स्थगित करना पड़ा। करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए। लंगर वालों ने अपने लंगर समेटना शुरू कर दिए हैं।

दोनों मार्गों की होगी सफाई: यात्रा समाप्त होने के बाद दोनों मार्गों पहलगाम और बालटाल व शिविरों में साफ सफाई का अभियान चलाया जाएगा। यात्रा के लिए इस बार अतिरिक्त प्रबंध किए थे क्योंकि दो साल के अंतराल के बाद हुई यात्रा में आठ लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना थी। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिला के चंद्रकोट में यात्री निवास बनाया जिसका फायदा श्रद्धालुओं को हुआ। 


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