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Jammu Kashmir: मगाेत्रा के काव्य संग्रह ‘हिरदेगत’ का विमोचन

वरिष्ठ साहित्यकार टीआर मगोत्रा के काव्य संग्रह ‘हिरदेगत’ का विमोचन डोगरी संस्था की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में किया गया। पुस्तक में 101 कविताएं गीत गजल और भजन हैं।जम्मू विश्वविद्यालय की पूर्व डीन आर्ट्स एवं डोगरी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. वीणा गुप्ता ने पुस्तक पर शोध पत्र पढ़ा।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 06:30 PM (IST)
Jammu Kashmir: मगाेत्रा के काव्य संग्रह ‘हिरदेगत’ का विमोचन
पुस्तक में 101 कविताएं, गीत, गजल, और भजन हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : वरिष्ठ साहित्यकार टीआर मगोत्रा के काव्य संग्रह ‘हिरदेगत’ का विमोचन डोगरी संस्था की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में किया गया। पुस्तक में 101 कविताएं, गीत, गजल, और भजन हैं।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. ललित मगोत्रा ने की। जम्मू विश्वविद्यालय की पूर्व डीन आर्ट्स एवं डोगरी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. वीणा गुप्ता ने पुस्तक पर शोध पत्र पढ़ा। जिसमें उन्होंने टीआर मगोत्रा की पुस्तक की कविताओं के मुख्य गुणों पर प्रकाश डाला।

प्रो. ललित मगोत्रा ने अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में टीआर मगोत्रा के साहित्यिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने डोगरी में सात पुस्तकें लिखी हैं। जिनमें कविता संग्रह, इतिहास के कुछ पहलू शामिल हैं। प्रो. मगोत्रा ने कहा कि विमोचित पुस्तक की कविताओं के दो प्रमुख विषय हैं।

रचनाकार की प्रशंसा और सांसारिक संपत्ति और धन की व्यर्थता। उन्होंने बताया कि डुग्गर क्षेत्र की एक विशेषता इसकी धार्मिकता है। डोगरा प्रकृति में प्रमुख रूप से धार्मिक लोग हैं। डुग्गर भूमि को कई देवी-देवताओं और स्थानीय देवताओं के आराध्य के रूप में जाना जाता है। इस अर्थ में विमोचित पुस्तक में देवताओं के भजन और प्रार्थना स्थानीय लोकाचार का प्रतिनिधित्व करते हैं।

ईश्वर की भक्ति स्वाभाविक रूप से सांसारिक वस्तुओं के त्याग की भावना की ओर ले जाती है। जैसा कि पुस्तक की कई कविताओं में दर्शाया गया है। प्रो. मगोत्रा ने लेखक को बधाई दी। उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि डोगरी साहित्य को उनसे अभी बहुत ज्यादा की उम्मीद है। इससे पहले पुस्तक के लेखक ने पुस्तक की कुछ रचनाओं का पाठ किया और अपनी पुस्तक के विमोचन के लिए संस्था का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में डोगरी संस्था जम्मू के सचिव डा. चंचल भसीन ने कार्यक्रम में भाग लेने वालों और दर्शकों का स्वागत किया। कार्यक्रम का परिचय देते हुए उन्होंने डोगरी संस्था जम्मू द्वारा आयोजित ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों की उपयोगिता और अपार सफलता पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम के समापन पर दर्शकों और प्रतिभागियों को भी धन्यवाद दिया। तकनीकी सहायता पवन वर्मा द्वारा प्रदान की गई। 


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