जम्मू-कश्मीर: आतंकी खतरे की खुफिया सूचना के बाद रोकी गई मचैल यात्रा फिर से जारी
आतंकी खतरे की खुफिया सूचना के बाद रोकी गई मचैल यात्रा फिर से जारी । यह जानकारी किश्तवाड़ जिला आयुक्त अंगरेज सिंह राणा ने दी है।
श्रीनगर, एएनआई। जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में आतंकी खतरे की खुफिया सूचना के बाद रोकी गई मचैल यात्रा फिर से जारी हो गई है। जानकारी हो कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे की खुफिया सूचना के बाद यात्रा फिलहाल रोक दी गई है। मचैल माता की यात्रा को निलंबित कर दिया था यह जानकारी किश्तवाड़ जिला आयुक्त अंगरेज सिंह राणा ने दी थी। अब मचैल यात्रा फिर से चल रही है।
जम्मू कश्मीर के गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को एडवाइजरी कर उन्हें तुरंत घाटी छोड़ने की सलाह दी है। एडवाइजरी के बाद अमरनाथ यात्री कश्मीर से वापस लौटने लगे हैं। आतंकी खतरे को देखते हुए अमरनाथ यात्रा व मचैल यात्रा भी रोकी गई थी। जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिला आयुक्त अंगरेज सिंह राणा नेे कहा था कि जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में देवी दुर्गा मंदिर से शुरु होने वाली मचैल यात्रा को निलंबित कर दिया गया था। सुबह कुछ वाहनों को रोका गया था, अब मचैल यात्रा फिर से चल रही है
जानकारी हो कि मचैल यात्रा को लेकर सर्व शक्ति सेवक संस्था की ओर से वीरवार को पत्रकार वार्ता की थी । इसमें संस्था के प्रधान ने बताया था कि माता की छड़ी मुबारक जम्मू से शुरू होगी। उन्होंने बताया था कि वर्षो से चली आ रही प्रथा जिसमेें 18 को यात्रा निकलती थी जिसमें माता की छड़ी भद्रवाह से आती थी इस बार जम्मू से आएगी। इसमें और अधिक बदलाव नहीं किया जाएगा। अब तक छह हजार लोग माता के दर्शन कर चुके हैं।
मां शारिका भवानी मंदिर में पवित्र छड़ी मुबारक की पूजा अर्चना
बाबा अमरनाथ यात्रा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर स्थगित कर दी गई है, लेकिन शुक्रवार को हारि पर्वत स्थित मां शारिका भवानी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान अमरेश्वर की पवित्र छड़ी मुबारक की पूजा अर्चना की गई। इसके बाद छड़ी मुबारक विश्रामस्थल दशनामी अखाड़ा लौट गई। गौरतलब है कि मां शारिका भवानी को श्रीनगर की इष्ट देवी माना जाता है। वह हारि पर्वत पर एक शिलारूप में विराजमान हैं। उन्हें त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है। महंत दीपेंद्र गिरी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां शारिका भवानी की पूजा की। करीब एक घंटे तक छड़ी मुबारक हारि पर्वत पर रही, उसके बाद लौटी।
महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया था कि पौराणिक काल से भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा के लिए रवाना होने से पूर्व छड़ी मुबारक की श्रावण मास की शुक्ल पक्ष द्वितीया के दिन मां शारिका भवानी मंदिर में पूजा की परंपरा चली आ रही है। यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। हमने मां शारिका भवानी से बाबा अमरनाथ यात्रा की सफलता और देश में शांति, सुरक्षा, समृद्धि और सौहार्द की कामना की है।
उन्होंने बताया था कि शनिवार को दशनामी अखाड़ा स्थित अमरेश्वर मंदिर में छड़ी स्थापना का अनुष्ठान होगा। इसके बाद पांच अगस्त को अमरेश्वर मंदिर में ही नाग पंचमी के दिन छड़ी पूजन होगा। छड़ी मुबारक भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा के लिए 10 अगस्त की सुबह दशनामी अखाड़ा से यात्रा शुरू करेगी और उसी शाम पहलगाम पहुंचेगी। पहलगाम में दो रात्रि विश्राम होगा और 12 अगस्त को चंदनबाड़ी में पवित्र छड़ी मुबारक पहुंचेगी। शेषनाग में 13 अगस्त और पंचतरणी में 14 अगस्त को छड़ी मुबारक पहुंचेगी। 15 अगस्त की सुबह छड़ी मुबारक पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी और उसी दिन तीर्थयात्रा का मुख्य दर्शन होगा। बाबा बर्फानी के दर्शन करने और पवित्र गुफा में पूजा अर्चना के बाद छड़ी मुबारक उसी दिन पहलगाम लौटेगी।
महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया था कि बाबा अमरनाथ की तीर्थयात्रा का पुण्य तभी है, जब उसे धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक और पुराणों में वर्णित मार्ग से किया जाए।
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