उपराज्यपाल मुर्मु ने कहा- प्रदेश हित में हिरासत में लिए गए थे राजनीतिज्ञ, अधिकांश को छोड़ा जा चुका है
नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी लगातार इन नेताओं को रिहा करने की मांग कर रही है। डाॅ फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने तो अपने नेताओं की रिहाई के लिए कोर्ट का सहारा भी लिया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल जीसी मुर्मु का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के हित में जो राजनीतिज्ञ अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हिरासत में लिए गए थे, उनमें से अधिकांश को छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों और राजनीतिज्ञों को रिहा करने के लिए एक प्रक्रिया है। उसी के तहत उन्हें छोड़ा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी इसकी निगरानी कर रहा है। हमने अधिकांश नेताओं को रिहा कर दिया है और कइयों को जल्द ही रिहा किया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने और इसके पुनर्गठन के बाद सरकार ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कांफ्रेंस के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था। अब सरकार ने डॉ फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सहित इन दलों के अधिकांश नेताओं को रिहा कर दिया है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित अभी भी कई नेता हिरासत या फिर नजरबंद हैं।
नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी लगातार इन नेताओं को रिहा करने की मांग कर रही है। डाॅ फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने तो अपने नेताओं की रिहाई के लिए कोर्ट का सहारा भी लिया है।
एक साक्षात्कार के दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा हालात खराब नहीं है। बल्कि इनमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। आतंकवादी संगठनों में युवाओं की भर्ती लगातार कम हो रही है। जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि बीडीसी चेयरमैन चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर के हालात में तेजी के साथ सुधार हो रहा है। उपराज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के चलते जम्मू-कश्मीर भी थोड़ा बहुत प्रभावित हुआ है और विकास कार्यों में बाधा आई है लेकिन बावजूद इसके हमने जम्मू-कश्मीर में विकास की नई गाथा लिखी है। जम्मू-कश्मीर में विकास को लेकर नया युग शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत आय फंड का हमने उपयोग किया है। साल 2015 में सिर्फ 27 प्रतिशत फंड ही इस्तेमाल हुआ था लेकिन हमने 50 प्रतिशत से अधिक फंड इस्तेमाल कर विकास कार्यों को तेजी दी है। उपराज्यपाल ने कहा कि पहले अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में जो शैक्षिक संस्थान बंद पड़े थे, उन सभी को चरणबद्ध तरीके से खोला, यूनिवर्सिटियों में हाई स्पीड ब्रॉडबेंड की सुविधा दी।