Jammu Kashmir: उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा- बेहतर निवेश से जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक क्रांति को अगले चरण तक ले जाएंगे
प्रदेश में ई आफिस व्यवस्था लागू करने के साथ कामकाज विकास में पारदर्शिता लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इम्पावर सॉफ्टवेयर माड्यूल से देश का कोई भी नागरिक गांव व दूर-दराज इलाकों में हो रहे विकास खर्च किए गए फंड की निगरानी कर सकता है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि बेहतर निवेश से जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक क्रांति को अगले चरण तक ले जाया जाएगा।
उपराज्यपाल ने कहा कि बेहतर निवेश से अधिक आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए प्रदेश के तकनीकी संस्थानों में आधुनिक जरूरताें को पूरा करने के लिए प्रदेश के युवाओं का कौशल विकास किया जा रहा है। उपराज्यपाल शुक्रवार को पेन आईआईटी सम्मेलन को राजभवन से वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इसमें आईआईटी के कई पूर्व छात्रों ने वर्चुअल में हिस्सा लिया।
राज्यपाल मनोज सिन्हा न इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में एक ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश की जा रही है जिसमें उत्पादक, सेवा देने वाले व इसका इस्तेमाल करने वाले लोग एक मंच पर लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार किया जाए। देश तकनीकी विकास के हिसाब से विश्व के 50 देशों की मैं शामिल हो गया है।
ऐसे में वह दिन दूर नहीं है जब हम ऐसी कारों की पिछली सीट पर बैठेंगे, जिनमें ड्राइवर नहीं होगा। ये कारें सॉफ्टवेयर से संचालित होंगी। फोन से जुड़ी इन कारों में एक्सीडेंट होने की गुंजाइश नही होगी। जल्द हमारे घर में बिजली की तारों की जरूरत नहीं होगी। ना ही सोलर पैनल होंगे। हमारे घर की खिड़कियों पर लगे शीशे व छत से बिजली पैदा करना संभव होगा। अगले कुछ सालों में स्ट्रीट लाइट के लिए बिजली सड़कों से ही पैदा होगी।
उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में भी सुशासन कायम करने की दिशा में जोर शोर से प्रयास हो रहे हैं। प्रदेश में ई आफिस व्यवस्था लागू करने के साथ कामकाज विकास में पारदर्शिता लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इम्पावर सॉफ्टवेयर माड्यूल से देश का कोई भी नागरिक गांव व दूर-दराज इलाकों में हो रहे विकास, खर्च किए गए फंड की निगरानी कर सकता है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर के एक युवक ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक ऐसा स्मार्ट ऐप बनाया है जो फसल की बिजाई करने की तिथि की पूर्व सूचना देता है।
उपराज्यपाल ने रे कुर्जवेल का हवाला देते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी में विकास के विस्फोट के कारण होने वाली प्रगति बीस हजार सालों की प्रगति के बराबर होगी। ऐसे में संगठनों को भी अपनी क्षमता विकास में तेजी लानी होगी। तकनीक ही तकनीक की जगह लेगी। ऐसे में इंजीनियरों का बहुत अधिक बेहतर होना जरूरी है।
इस सम्मेलन में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, पैन आईआईटी के चेयरमैन कृष्ण धर, महासचिव देवाशीष भट्टाचार्य, सुनील खन्ना के साथ उद्योग जगत के कई मेहमानों युवा इंजीनियरों ने हिस्सा लिया।