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गाजे-बाजे के साथ आज विराजेंगे गणपति बप्पा

जागरण संवाददाता, जम्मू : सिद्धि विनायक, गौरी नंदन भगवान गणेश शुक्रवार को गाजे-बाजे के साथ प

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2017 03:01 AM (IST)
गाजे-बाजे के साथ आज 
विराजेंगे गणपति बप्पा
गाजे-बाजे के साथ आज विराजेंगे गणपति बप्पा

जागरण संवाददाता, जम्मू : सिद्धि विनायक, गौरी नंदन भगवान गणेश शुक्रवार को गाजे-बाजे के साथ पूजा पंडालों और घरों मे विराजेंगे। गणपति बप्पा को घर लाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुहूर्त निकाल लिया गया है और स्वागत के लिए सभी इंतजाम हो चुके हैं। पूजा पंडालों में मूर्ति स्थापना के लिए मंच बना लिए गए हैं। जगन-मालाओं को लगाने और फूलों से पंडाल सजाने के काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पौराणिक मान्यता है कि दस दिन तक भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश पृथ्वी पर रहते हैं।

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सभी बेसब्री से गौरी नंदन के आगमन का इंतजार कर रहे हैं। गणेश महोत्सव पर मुख्य समारोह का आयोजन लक्ष्मी नारायण मंदिर, भगवती नगर में होगा। भारतीय वैदिक संस्थान जम्मू की ओर से 25 अगस्त को विशाल पंडाल में गाजे-बाजे और वैदिक मंत्रों के बीच सिद्धि विनायक की विशाल मूर्ति स्थापित की जाएगी। शेर पर सवारी करती भगवान गणेश की 17 फुट ऊंची प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होगी। वहीं, भगवती नगर में भी गणपति बप्पा का जन्मदिन मनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए महाराष्ट्र से विशेष रूप से कलाकारों की टीम बुलाई गई है, जो रोजाना गौरी नंदन की जीवन लीलाओं से श्रद्धालुओं को अवगत कराएंगे। पिछले सात वर्षो में महाराष्ट्र की तर्ज पर जम्मू में भी गणेश महोत्सव के प्रति लोगों में आस्था बढ़ी है। यही कारण है कि यहां भी गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाने लगा है।

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शुभ मुहूर्त में करें भगवान

गणेश की मूर्ति स्थापित

गणेश चतुर्थी का त्योहार देश में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इसे भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी 25 अगस्त को है। सुबह 8.24 से भद्रा शुरू होगी, इसलिए गणेश जी की मूर्ति की स्थापना इससे पहले करें। भाद्रपद चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए। बाबा कैलख देव स्थान के महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक गणेशोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और पूरे दस दिन उनकी पूजा अर्चना की जाती है। गणेशोत्सव के आखिरी दिन यानि अनंत चतुर्दशी को गणपति की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और संपन्नता आती है। दस दिनों तक व्रत भी रखे जाते हैं। 5 सितंबर को भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जित होगी। इस दिन भद्रा दोपहर 12.41 बजे से शुरू होगी। इसलिए दोपहर 12.41 बजे से पहले मूर्ति विसर्जित करें।


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