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जम्मू- कश्मीर कुपवाड़ा में एलओसी के गांवों में पहुंची खुशियों की 'रोशनी'

पहली बार ग्रिड की बिजली से बल्ब जले तो ग्रामीणों के चेहरे चमक उठेमच्छल और केरन के गांवों के लोगों का अब तक जेनरेटर ही था सहारा

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 09:59 AM (IST)
जम्मू- कश्मीर कुपवाड़ा में एलओसी के गांवों में पहुंची खुशियों की 'रोशनी'

राज्य ब्यूरो, जम्मू।  उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे मच्छल और केरन के तीन गांवों में ग्रिड की बिजली से पहली बार घर रोशन हुए तो ग्रामीणों के चेहरे चमक उठे। प्रशासन की एक वर्ष की मेहनत रंग लाई है। आज गांव के लोग खुश हैं कि उन्हें बिना रुकावट के बिजली मिल रही है।

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कुपवाड़ा के जिला उपायुक्त अंशुल गर्ग ने बताया कि गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए अंतर विभागीय टीमों का गठन किया। ये वह इलाके हैं, जहां आठ महीने तक बर्फ पड़ी रहती है। केरन और मच्छल की नौ पंचायतों में करीब 25 हजार की आबादी है।वर्ष 2012 में केरन तक 33 केवी की लाइन बिछाई गई थी। साढ़े छह करोड़ की लागत से ग्रिड स्टेशन भी बनाया गया था। तब इन गांवों के लोगों को उम्मीद बंधी थी कि जल्द ही उनके यहां भी बिजली पहुंच जाएगी, लेकिन बाद में इस प्रोजेक्ट पर आगे कुछ नहीं हुआ। अलबत्ता, कुछ सोलर सिस्टम लगाए गए, जो सिर्फ गर्मी में ही सफल रहे।

जिला उपायुक्त ने बताया कि गांवों की मुश्किलों को देखते हुए उन्होंने बिना देरी के फाइलों को आगे बढ़ाया। चुनौतियों के बावजूद सभी ने मिलकर कार्य किया और गांवों को बिजली के ग्रिड से जोड़ दिया गया। ब्लॉक विकास परिषद केरन के चेयरमैन मोहम्मद सैयद और पंचायत राज संस्थानों ने भी सहयोग दिया। आज नियंत्रण रेखा से सटे ये गांव बिजली से रोशन हैं। कुपवाड़ा को 2018 में नीति आयोग ने आकांक्षा जिला घोषित किया था। इसके तहत भी तेजी के साथ काम किया गया।


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