Jammu Kashmir: कोरोना मरीजों के साथ हर रोज दौड़ रही हरप्रीत सिंह की जिंदगी
हरप्रीत मार्च महीने से लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों को जम्मू जिले के विभिन्न स्थानों से अस्पतालों में पहुंचा रहे हैं।
जम्मू, रोहित जंडियाल: कोरोना वायरस का संक्रमण काल। प्रतिदिन 14 घंटे तक ड्यूटी। दस बार पीपीई किट बदलना... और पांच महीने से लगातार काम, कोई छुट्टी नहीं। यह सब करने के लिए हिम्मत और लगन होनी चाहिए। दूसरों की जिंदगी बचाने का हौसला होना चाहिए। ऐसा ही जज्बा है हरप्रीत सिंह का। वह एंबुलेंस चालक हैं और कोरोना मरीजों को घरों से अस्पताल पहुंचाते हैं। जम्मू में कोरोना का पहला मामला सामने आने से लेकर अब तक वह जीजान से जुटे हैं। बिना रुके, बिना थके। वह हर दिन औसतन बीस से तीस मरीजों को अस्पतालों में पहुंचा रहे हैं। उनकी इस कर्मठता का स्वास्थ्य विभाग भी कायल है।
कोरोना संक्रमण का पहला मामला जम्मू में गत आठ मार्च को सामने आया था। ईरान से आई महिला को सरवाल स्थित उसके घर से स्वास्थ्य विभाग की टीम लेकर आई थी। जिस एंबुलेंस में मरीज को लाया गया था, उसे हरप्रीत सिंह ही चला रहे थे। तब इक्का-दुक्का लोग ही संक्रमित हो रहे थे, लेकिन इन सभी को अस्पताल में हरप्रीत सिंह ही लाते थे। उनका कहना है कि पहली बार जब मरीज को लाने के लिए गए थे तो उस समय बड़ा डर लगा रहा था। पता नहीं क्या हो जाएगा। डरते-डरते मरीज को ले आए। कुछ दिन तक यह डर रहा। अब यह दूर हो गया है। अब तो बस यही फिक्र रहती है कि मरीज को सही समय पर अस्पताल पहुंचाकर उसकी जिंदगी बचानी है।
दूसरों की जितनी फिक्र, उतनी अपनी भी : कोरोना संक्रमित मरीज की खबर मिलते ही अधिकांश लोग जहां बचने के लिए दूरियां बनाना शुरू कर देते हैं तो वहीं हरप्रीत प्रतिदिन 12 से 14 घंटे तक मरीजों की सेवा में लगे हैं। वह मरीजों को घरों से अस्पतालों तक बिना हिचक के पहुंचा रहा है। उन्हें दूसरों की जान की जितनी फिक्र है, उतना ही खुद को सुरक्षित रखने के लिए हर सावधानी बरतते हैं। इसलिए प्रतिदिन 14 घंटे तक की ड्यूटी में आठ से 10 बार उन्हें पीपीई किट बदलनी पड़ती है।
सुबह आठ बजे हो जाते हैं तैयार: हरप्रीत का कहना है कि उन्हें यह आदेश होता है कि सुबह आठ बजे तैयार रहें। कभी भी मरीज को लाने के लिए जाना पड़ेगा। बस, उसी समय तैयार हो जाते है। कई बार रात को दस बजे तो कई बार 11 या 12 बजे तक काम करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी बार-बार पीपीई किट पहनने की होती हे। एक से डेढ़ घंटे तक ही एक किट पहनी जा सकती है। इसके बाद किट खोलनी पड़ती है। फिर जब मरीज को लाने जाना हो तो नई किट पहननी पड़ती है।
जम्मू जिले के आधे से अधिक मरीजों को लाते हैं हरप्रीत: वर्तमान में जम्मू जिले में प्रतिदिन पचास से साठ मरीज आ रहे हैं। इनमें आधे से अधिक मरीजों को अकेले हरप्रीत ही एंबुलेंस में लाते हैं। इसके लिए उन्हें कई बार पीपीई किट बदलनी पड़ती है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमितों को लाने के लिए जम्मू जिले में दो ही एंबुलेंस हैं। इनमें एक एंबुलेंस अकेले हरप्रीत के जिम्मे है।
पांच महीने से कोई छुट्टी नहीं: हरप्रीत मार्च महीने से लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों को जम्मू जिले के विभिन्न स्थानों से अस्पतालों में पहुंचा रहे हैं। अन्य चालकों की जहां बदल कर ड्यूटी लग रही है, वहीं हरप्रीत बिना छुट्टी लिए काम कर रहे हैं। पहले तो वह कई सप्ताह तक घर भी नहीं गए। अब घर जब जाते हैं तो अन्य परिजनों से अलग रहते हैं ताकि अन्य सभी सुरक्षित रहें। उनका कहना है कि उन्हें जहां भी भेजा जाता है, वह वहां जाकर मरीज को ले आते हैं।