Jammu Kashmir : साइबर सुरक्षा के लिए विशेषीकृत प्रशिक्षण केंद्रों की पहचान हो : उपराज्यपाल
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए विशेषीकृत प्रशिक्षण केंद्रों की पहचान होनी चाहिए और साइबर औजार बेहतर स्तर के होने चाहिए। साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता भी अहम है। उपराज्यपाल ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट के 30वे वार्षिक वैश्विक सम्मेलन को संबोधित किया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए विशेषीकृत प्रशिक्षण केंद्रों की पहचान होनी चाहिए और साइबर औजार बेहतर स्तर के होने चाहिए। साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता भी अहम है। उपराज्यपाल ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट के 30 वे वार्षिक वैश्विक सम्मेलन को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। कोविड-19 से बचाव से स्वस्थ होने तक सुरक्षा और सुरक्षित सेवा विषय पर सम्मेलन आयोजित किया गया था। उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले छह सात साल के दौरान खतरों का सामना करने के लिए नीतियां बनाई है। सेहत सुरक्षा, आपदा प्रबंधन सुरक्षा ढांचे का अहम पहलू है।
कार्यक्रम करवाने के लिए इंस्टीट्यूट के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इंस्टीट्यूट सुरक्षा का तरीका बनाने के लिए इंडस्ट्री की मदद कर सकता है। सरकार और प्राइवेट क्षेत्रों से विशेषज्ञाें को साइबर सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए। नागरिकों की डिजीटल साक्षरता के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। स्वास्थ्य ढांचे का तेजी के साथ विस्तार करके सरकार ने कोरोना की राेकथाम के लिए प्रभावी कदम उठा लिए। उद्योगों में सुरक्षा कैडर तैयार करने के लिए नीति पर काम होना चाहिए। हर उद्याेग का नियमित तौर पर सुरक्षा आडिट होना चाहिए। सूचना तकनीक का इस्तेमाल करते हुए संसाधन योजना और कंटा्ेल सिस्टम अपनाया जाए। इसमें प्रशिक्षण प्राप्त विशेषज्ञ होने चाहिए। उपराज्यपाल ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान ई कामर्स ने नई बुलंदियों को छुआ है।
जम्मू कश्मीर में हमारे पास ठोस नीतियां है और पर्याप्त संसाधनों के साथ आधुनिक सुरक्षा के ढांचे पर जोर दिया जा रहा है। वित्तीय अपराध का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि इससे नई चुनौतियां पैदा हुई है। सोशल मीडिया पर एकाउंट को हैक करने व अन्य तरीके के वित्तीय अपराध सोशल मीडिया के जरिए होते है। इस समय सरकार के साथ 90 आडिट संगठन जुडे़ हुए है जो आडिट सुरक्षा सूचना में सहयोग दे रहे हैं। साइबर सुरक्षा में काफी कुछ करने की गुंजाइश है। जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। कृत्रिम योग्यता हमारी जिंदगी और काम को नई दिशा दे रही है। कपंनियों और अन्य ढांचागत संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए। हम सबको मिलकर युवाओं के लिए बेहतर भविष्य बनाना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से सशक्त किया जाना चाहिए।