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LG सिन्हा बोले- आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का समय आया, एक साल में आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोक देंगे

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि एक साल में आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोक देंगे। यह हमारा पवित्र दायित्व है कि अपनी मातृ भूमि की हर इंच की रक्षा करें अगर हमें इसके लिए सब कुछ बलिदान करना पड़े तो भी हम तैयार रहेंगे।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 06:45 PM (IST)
LG सिन्हा बोले- आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का समय आया, एक साल में आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोक देंगे
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि एक साल में आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोक देंगे।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि एक साल में आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोक देंगे। यह हमारा पवित्र दायित्व है कि अपनी मातृ भूमि की हर इंच की रक्षा करें, अगर हमें इसके लिए सब कुछ बलिदान करना पड़े तो भी हम तैयार रहेंगे। पड़ोसी देश की शाह पर कुछ लाेग जम्मू-कश्मीर में हालात खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। पड़ोसी देश जो स्वयं दयनीय हालत में है, वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ अच्छा नहीं कर सकता। हमने कईं निर्दोष जिंदगियों को खोया है अब इसे रोकना होगा। आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का समय आ गया है।

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युवा पीढ़ी को उन परेशानियों का सामना नहीं करना चाहिए, जिनका सामना हमारे पूर्वर्जों ने किया है। उन्हें देश को गौरवान्वित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त 2019 में विकास और खुशहाली का नया उपहार दिया। पिछले सत्तर साल में जम्मू-कश्मीर में सामाजिक आर्थिक सिस्टम गंभीर संकट का सामना कर रहा था। पिछले तीन साल में जम्मू-कश्मीर में शहरों व गांवों में दूरियां कम हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के 73वें वा 74वें संशोधन को लागू किए जाने से जम्मू-कश्मीर में जमीनी सतह के लोकतंत्र को नई जान मिली है। हम ग्राम स्वराज के लिए पूर्ण स्वराज के महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने के लिए वचनबद्ध हैं।

शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर श्रीनगर में आयोजित समारोह में जिला विकास परिषद और ब्लाक विकास परिषद की 25 इमारतों का नींव पत्थर, एक हजार अमृत सरोवरों का उद्धाटन करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि जल स्रोतों को बहाल करने, उनके संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाते हुए तत्काल से काम शुरू किया गया। प्रधानमंत्री ने हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का संरक्षण करने का अभियान शुरू किया था। इसके लिए जम्मू-कश्मीर में 3443 जगहों की पहचान की गई, 1500 सरोवरों पर कार्य शुरू किया गया और एक हजार सरोवर बन कर तैयार हो गए हैं।


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