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Jammu Kashmir : प्राथमिक क्षेत्र के रूप में उभर रहा बायोटेक सेक्टर, कौशल विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर, युवा होंगे और सशक्त

इस पार्क में सालाना 25 स्टार्टअप तैयार करने की क्षमता है जो इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसी दिशा में केंद्र सरकार व प्रदेश प्रशासन संयुक्त रूप से 84.66 करोड़ रुपये की लागत से हंदवाड़ा में भी ऐसे बायोटेक पार्क का निर्माण कर रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 11:12 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 11:12 AM (IST)
Jammu Kashmir : प्राथमिक क्षेत्र के रूप में उभर रहा बायोटेक सेक्टर, कौशल विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर, युवा होंगे और सशक्त
नई किस्म के पौधों के टिशू कल्चर पर आपसी समन्वय से काम करने की अपील भी की है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : नई बायोटेक क्षमताओं, नवाचार व 3500 से अधिक औषधीय पौधों की प्रजातियों वाले जम्मू-कश्मीर में बायोटेक सेक्टर एक प्राथिमक क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। नई उद्योग नीति आने के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार को बायोटेक क्षेत्र से जुड़े 338 प्रस्ताव प्राप्त है। इससे जम्मू-कश्मीर की प्रचूर प्राकृतिक संपदा को उद्योग से जोड़ने में मदद मिलेगी और किसानों के लिए अधिक आय की राह प्रशस्त होगी। बायोटेक सेक्टर को प्रोत्साहित करने व इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करने का लक्ष्य लेकर सरकार की ओर से हाल ही कठुआ में बायोटेक पार्क का उद्घाटन भी किया गया था।

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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि कठुआ में औद्योगिक बायोटेक पार्क का उद्घाटन अर्थव्यवस्था को बदल देगा और वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी सक्षम बनाएगा। उन्होंने औद्योगिक बायोटेक पार्क, कठुआ के वैज्ञानिकों और शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्व विद्यालय मीरा साहिब के शोधकर्ताओं को नई किस्म के पौधों के टिशू कल्चर पर आपसी समन्वय से काम करने की अपील भी की है।

उपराज्यपाल के अनुसार कठुआ का बायोटेक पार्क स्टार्टअप, युवा उद्यमियों व एमएसएमई को ऐसे उपकरण प्रदान करेगा जो उत्पादन को सस्ता व पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ बना सकते हैं। बायोटेक पार्क न केवल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बल्कि आसपास के राज्यों, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कृषि-उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स, प्रगतिशील किसानों, वैज्ञानिकों, विद्वानों और छात्रों के लिए भी लाभदायक होगा।

इस पार्क में सालाना 25 स्टार्टअप तैयार करने की क्षमता है जो इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसी दिशा में केंद्र सरकार व प्रदेश प्रशासन संयुक्त रूप से 84.66 करोड़ रुपये की लागत से हंदवाड़ा में भी ऐसे बायोटेक पार्क का निर्माण कर रहा है।

कौशल विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर, युवा होंगे और सशक्त :  जम्मू कश्मीर के कौशल विकास विभाग ने यूनिसेफ के बहुआयामी वैश्विक मंच युवा के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद युवाओं को आकांक्षी कार्यों में लगाना व बदलाव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले बनाना है। कौशल विकास विभाग के प्रमुख सचिव असगर समून और यूनिसेफ इंडिया में आपरेशन की उप प्रतिनिधि लाना काटावा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

असगर ने कहा कि कौशल विकास के जरिए युवाओं को सशक्त बनाया जाएगा ताकि युवा समाज व राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दे पाएं। इसमें फीडबैक का तरीका भी रखा जाएगा। एमओयू के तहत युवाओं को कौशल व तकनीक विकास का प्रशिक्षण, वोकेशनल शिक्षा दी जाएगी। प्लेसमेंट के प्रबंध भी किए जाएंगे। सेल्फ हेल्प ग्रुप से तालमेल कायम करके रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। एक साल का रोडमैप तैयार किया जाएगा। बैठक में समून ने विभाग के कामकाज की समीक्षा की। छह हजार ट्राइबल यूथ ग्रुप बनाने, पंचायत कौशल योजना बनाने पर विचार विमर्श किया गया।

वहीं जम्मू कश्मीर इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट पब्लिक अफैयर्स एंड रूरल डेवलपमेंट के महानिदेशक सौरभ भगत ने वीडियो कांफ्र्रेंंसग के जरिए गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू किया। एमओयू का मकसद प्रशासनिक कानून, सर्विस कानून, पर्यावरण कानून पर जानकारी हासिल करना है। शहरी विकास के मामले में गुजरात से सीखने का मौका मिलेगा। गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रो. शांता कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी की तरफ से पूरा सहयोग दिया जाएगा। 


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