Jammu Kashmir : अमित शाह को लिखा पत्र, सिख समुदाय से बेइंसाफी के मुद्दों को उजागर किया
पूर्व की केंद्र सरकारों का रवैया कश्मीर में डटे हुए सिख समुदाय के प्रति भेदभाव वाला रहा है। दस अक्टूबर 2017 को केंद्र सरकार ने आदेश जारी करके कश्मीरी पंडितों के कल्याण के कदम उठाए लेकिन कश्मीर में रह रहे सिख समुदाय को नजरअंदाज कर दिया गया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । नेशनल सिख फ्रन्ट के चेयरमैन और भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र जीत सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कश्मीर में रह रहे सिख समुदाय के साथ बेइंसाफी के मुद्दों को उजागर किया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि साल 1989 में कश्मीर में हालात खराब होने पर बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ। सिख समुदाय के लोग भारी चुनौतियों के बीच कश्मीर में ही रहे। पिछले कई सालों से कश्मीरी विस्थापित पंडितों और सिख समुदाय को आर्थिक, सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व जम्मू कश्मीर की सरकारों और पूर्व की केंद्र सरकारों का रवैया कश्मीर में डटे हुए सिख समुदाय के प्रति भेदभाव वाला रहा है। दस अक्टूबर 2017 को केंद्र सरकार ने आदेश जारी करके कश्मीरी पंडितों के कल्याण के कदम उठाए लेकिन कश्मीर में रह रहे सिख समुदाय को नजरअंदाज कर दिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से छह अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था कि कश्मीरी पंडितों के बच्चों को उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिलों में रियायत दी जाएगी लेकिन इस आदेश में कश्मीर में रह रहे सिख समुदाय को पूरी तरह से बाहर कर दिया गया। हमारी मांग है कि सिख समुदाय के साथ भी इंसाफ किया जाए। अगर कश्मीरी पंडितों को योजनाओं का फायदा दिया जाता है तो फिर सिख समुदाय को क्यों नहीं।