लश्कर ने ली श्रीनगर अस्पताल में हमले की जिम्मेदारी
श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस)अस्पताल में गत मंगलवार को हुए आतंकी हमले की लश्कर-ए-तैयबा ने जिम्मेदारी ली है।
जम्मू, [राज्य ब्यूरो] । श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस)अस्पताल में गत मंगलवार को हुए आतंकी हमले की लश्कर-ए-तैयबा ने जिम्मेदारी ली है। लश्कर के चीफ महमूद शाह ने बुधवार को एक इमेल में हमले की बात कुबूल की।
बता दें कि अस्पताल की पार्किंग में पुलिस दल पर हुए हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। हमलावर आतंकी पुलिस की हिरासत से लश्कर के पाकिस्तानी आतंकी नवीद को भगा ले गए थे। पुलिस का दल नवीद समेत छह कैदियों को स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल लेकर आया था।
आतंकी को अस्पताल ले जाने से पहले ले लिए थे हथियार
श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में लश्कर आतंकी मोहम्मद नवीद को भगाने के लिए हुए आतंकी हमले में शहीद कांस्टेबल बाबर अहमद की पत्नी ने पुलिस विभाग की कार्रवाई पर कई सवाल उठाए हैं। शहीद की पत्नी ने आरोप लगाया कि आतंकवादी को अस्पताल ले जाने से पहले पति से उनके अधिकारी ने हथियार ले लिए थे। ऐसे में वह बिना हथियार आतंकी को अस्पताल लेकर गए थे। यही नहीं, दुर्दात आतंकी के साथ सिर्फ दो पुलिस कर्मियों को ही भेजा गया था, जो आतंकियों की गोलियों का निशाना बन गए। बुधवार को उन्होंने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने पर जोर दिया। शहीद की पत्नी ने बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से बाबर से शादी की थी। उन्होंने जोर दिया कि दो पुलिस कर्मियों की मौत के जिम्मेदार आतंकियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।बाबर अहमद की पत्नी की तरह कश्मीर में ऐसे 49 पुलिस परिवार हैं, जिनके परिजनों को आतंकियों ने दो वर्षो के दौरान शहीद कर दिया है। कश्मीर में हालात बिगाड़ने की साजिश के तहत आतंकी पुलिस कर्मियों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस कर्मियों में दहशत फैलाने की इस मुहिम के तहत कई बार कश्मीरियों को पुलिस की नौकरी छोड़ने की धमकियां भी दी जा चुकी हैं। ऐसे हालात में कश्मीर में पुलिस परिवार अपने परिजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।आतंकियों के बढ़ते हमले पुलिस विभाग के लिए भी चिंता का विषय हैं। कुछ समय पहले पुलिस ने कश्मीर में अपने कर्मियों को सुरक्षा की दृष्टि से रात को अपना स्टेशन छोड़ कर घर न जाने की सलाह दी थी। कश्मीर में वर्ष 2017 में हालात को खराब करने की साजिश के तहत हुए हमलों में आतंकियों का मुकाबला करते हुए 32 पुलिस कर्मियों ने शहादत दी थी। इनमें मुश्ताक अहमद व बाबर अहमद भी शामिल हैं।पिछले साल गर्मियों में आतंकवादियों ने अच्छाबल पुलिस स्टेशन के एसएचओ समेत छह पुलिस कर्मियों को शहीद कर दिया था। अनंतनाग में आतंकियों ने पुलिस के वाहन पर घात लगाकर हमला किया था।