Pulwama Terror Attack: आंसुओं की बरसात में शहीद नसीर सुपुर्द-ए-खाक, पाकिस्तान मुर्दाबाद से गूंजा दोदासन बाला
शहीद हेड कांस्टेबल नसीर अहमद का शव जैसे ही घर पहुंचा तो पत्नी शाजिया कौसर बेहोश हो गईं। जब भी होश आया तो यही पूछा कि इतनी भीड़ क्यों लगा रखी है?
राजौरी, जागरण संवाददाता। दोदासन बाला गांव आंसुओं की बरसात रो पड़ा। हर चेहरा मायूस था और हर आंख नम थी। यह वक्त था शहीद नसीर अहमद को सुपुर्द-ए-खाक करने का। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के हेड कांस्टेबल नसीर अहमद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। नसीर वीरवार को गोरीपोरा में हुए आत्मघाती हमले में शहीद हुए थे। शहीद नसीर का पाॢथव शरीर शनिवार सुबह राजौरी शहर से 18 किलोमीटर दूर पैतृक गांव दोदासन बाला पहुंचा तो पूरा क्षेत्र शहीद नसीर अमर रहे और भारत माता की जय के जयघोषों से गूंज उठा। इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद के भी खूब नारे लगे।
शहीद के पार्थिव शरीर को केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी कंधा दिया। अंतिम संस्कार में विधान सभा स्पीकर डॉ. निर्मल सिंह, सांसद जुगल किशोर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवीन्द्र रैना, विधान परिषद के सदस्य विबोध गुप्ता और प्रदीप शर्मा, पूर्व मंत्री, चौधरी तालिब हुसैन, पूर्व विधायक चौधरी कमर हुसैन के साथ राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा, सीआरपीएफ आइजी जम्मू क्षेत्र, डीआइजी, डीसी राजौरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजौरी, थन्नामंडी स्थित राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर राज्य प्रशासन और बल के अलावा अन्य मौजूद थे। सभी ने शहीद नसीर अहमद को पुष्प चक्र अॢपत करके उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की। सीआरपीएफ के जवानों द्वारा शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद शहीद के पार्थिव देह को ताबूत के साथ ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
साथियों को श्रीनगर छोड़ने जाते शहीद हुआ नसीर
परिजनों ने बताया कि हेड कांस्टेबल नसीर अहमद की तैनाती जम्मू में ही थी। पिछले कुछ दिन से राजमार्ग के बंद होने के कारण जम्मू ट्रांजिट कैंप में कश्मीर घाटी जाने वाले जवानों की संख्या बढ़ गई थी। जब मार्ग बहाल हुआ तो उन जवानों को श्रीनगर ले जाने के लिए विभिन्न कैंपों से वाहन बुलाए गए थे। इसमें नसीर भी अन्य शिविरों में आई गाडिय़ों में शामिल था और घाटी जवानों को छोडऩे जा रहा था। मगर रास्ते में ही शहीद हो गए।
शहीद की पत्नी हुई बेहोश
शहीद हेड कांस्टेबल नसीर अहमद का शव जैसे ही घर पहुंचा तो पत्नी शाजिया कौसर बेहोश हो गईं। जब भी होश आया तो यही पूछा कि इतनी भीड़ क्यों लगा रखी है? उसे विश्वास ही नहीं है तो उसका पति अब उससे दूर चला गया है। बच्चों का भी रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद नसीर परिवार में दो बच्चे व पत्नी पीछे छोड़ गया है।
मेरा भाई लेगा अब्बू की शहादत का बदला
शहीद नसीर की बेटी फलक रोती बिलखती बार-बार अपने अब्बू को याद कर रही थी। वह कह रही थी कि अब्बू ने उनसे वायदा किया था कि वह जल्द वापिस आएंगे। मेरे अब्बू हमें छोड़ कर चले गए हैं। अब मेरे अब्बू मुझे कभी नहीं मिलेंगे। रोती आंखों में गुस्सा भी साफ दिख रहा था। फलक ने गुस्से भरे स्वर में कहा कि मेरा भाई बड़ा होकर अब्बू की शहादत का बदला लेगा।
शहीद की याद में बनेगा स्कूल
पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हेड कांस्टेबल शहीद नसीर अहमद की याद में गांव में स्कूल और स्मारक का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा व जिला आयुक्त से कहा कि जल्द स्कूल को खोलने का कार्य शुरू करें। जिला आयुक्त को निर्देश दिए कि शहीद के परिवार से संपर्क करते रहे और किसी भी तरह की जरूरत पर उन्हें सूचित करें।
- पाकिस्तान ने जैश के आतंकियों से मिलकर कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला करवाया है। इसमें हमारे जवान शहीद हुआ है। शहीदों के खून के एक-एक कतरे का बदला लिया जाएगा। पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि सदियों तक याद रखेगा। दोदासन बाला के शहीद हेड कांस्टेबल नसीर अहमद के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है। - रवीन्द्र रैना, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
- इस मुश्किल घड़ी में सीआरपीएफ शहीद परिवार के साथ है। हमें गर्व है कि हमारा जवान देश सेवा में शहीद हुऔ। परिवार गहरे सदमे में है, हमारा प्रयास परिवार के सदस्यों को सदमे से उभारना है। शहीद के परिवार को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न आए, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। - नीतू कुमारी, डीआइजी, सीआरपीएफ