Baba Amarnath Yatra 2020: कोरोना का असर, SASB असमंजस में- पहले यात्रा रद करने की घोषणा, फिर आदेश वापस लिया
वहीं श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने भी बोर्ड को इस साल यात्रा रद करने का सुझाव देते हुए बोर्ड से शिव भक्तों के लिए लाइव दर्शन की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है।
जम्मू, जेएनएन। देश के दूसरे राज्यों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) वार्षिक अमरनाथ यात्रा को लेकर असमंजस में है। बोर्ड 3 मई तक घोषित लॉकडाउन व कश्मीर घाटी में हर दिन बढ़ती संक्रमितों की संख्या को लेकर अभी तक यह निर्णय नहीं ले पा रही है कि वे इस साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा को शुरू करने की तैयारी करे या नहीं। ऐसी ही स्थिति आज बुधवार को देखने को मिली। राजभवन में आज बुलाई गई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 38वीं बैठक में इन सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सभी सदस्यों ने आम राय बनाते हुए वार्षिक अमरनाथ यात्रा को कोरोना प्रकोप को देखते हुए रद करने का निर्णय लिया। बैठक के बाद इस फैसले के अधिकारितक तौर पर घोषणा भी कर दी गई परंतु कुछ ही घंटों बाद यात्रा रद करने के फैसले को वापस लेते हुए सरकार ने इस संबंध में पहले जारी किए गए आदेश को रद करने का एलान कर दिया।
बैठक में उपराज्यपाल ने कहा कि कश्मीर घाटी में कोरोना संक्रमित 77 इलाकों को रेड जोन घोषित किया गया है। इनमें कई इलाके ऐसे हैं, जहां से यात्रा गुजरती है। इस महामारी के कारण लंगर की स्थापना, चिकित्सा सुविधा, शिविर स्थापना, सामग्री जुटाना, श्रद्धालुओं को ठहरा, बर्फ हटाने का काम आदि संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन घोषित कर रखा है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि लॉकडाउन हटने के बाद स्थिति क्या होगी। ऐसे में यात्रा को लेकर प्रबंध करना, यत्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाना, कई अहम पहलु हैं, जो जल्दबाजी में नहीं हो सकते। बैठक समाप्त होते ही इस फैसले की अधिकारिक तौर पर घोषणा भी कर दी गई परंतु कुछ ही घंटों बाद सरकार ने एक बार फिर बिना कोई तर्क दिए पहले जारी आदेश को रद करने का एलान कर दिया।
हालांकि इससे पहले श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि कोरोना वायरस से उपजे हालात को देखते हुए इस साल बाबा अमरनाथ यात्रा का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए। बाबा अमरनाथ की इस साल की यात्रा 23 जून से शुरु होनी तय की गई है। कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाए जाने के बाद श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड ने यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण शुरु करने की प्रक्रिया को चार मई तक स्थगित कर दिया था। लंगर आर्गेनाइजेशन ने इसी के साथ बोर्ड को यह सुझाव भी दिया है कि अगर संभव हो सके तो कुछ इलेक्ट्रानिक चैनलों के माध्यम से इस बार शिव भक्तों के लिए लाइव दर्शन की व्यवस्था की जाए।
आर्गेनाइजेशन के प्रधान विजय कुमार ठाकुर और महासचिव राजन गुप्ता की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि इस समय कोरोना वायरस से हालात काफी चुनौतीपूर्ण बने हुए है। डाक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ और प्रशासन को मिला कर अन्य संबंधित विभाग कोरोना की रोकथाम के लिए लगे हुए हे। ऐसे में एडवांस पंजीकरण के लिए स्वास्थ्य प्रमाण कैसे बनवाए जाएंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को अस्पताल जाने का जोखिम उठाना पड़ेगा। यात्रियों को रेलवे और एयर की टिकट बुकिंग करवाने में भी मुश्किल होगी। बैंकों में पंजीकरण, आधार शिविरों में शारीरिक दूरी बनाए रखना भी कठिन होगा।
उन्होंने श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड को सुझाव दिया कि बोर्ड की बैठक बुलाई जाए जिसमें यात्रा को लेकर जल्द फैसला लिया जाए। आर्गेनाइजेशन के संयुक्त वित्त सचिव विजय मेहरा ने कहा कि अगर यात्रा को स्थगित रखा जाता है तो पवित्र गुफा स्थल पर पूजा अर्चना की जाए। इसमें श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड के सदस्यों, पुजारियों, महंतों, साधुओं के प्रतिनिधियों को ले जाया जाए। आर्गेनाइजेशन के सचिव पंकज सोनी ने कहा कि अगर श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड यात्रा का आयोजन करता है तो हमारा भंडारा संगठन यात्रा मार्ग पर लंगर लगाने की पूरी व्यवस्था करेगा।
इलेक्ट्रानिक चैनलों के माध्यम से शिव भक्तों को करवाएं लाइव दर्शन
श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू को यह सुझाव भी दिया है कि अगर संभव हो सके तो कुछ इलेक्ट्रानिक चैनलों के माध्यम से शिव भक्तों के लिए लाइव दर्शन की व्यवस्था की जाए। श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा और विराजमान पवित्र शिवलिंग के दर्शनों की लाइव व्यवस्था हो। आर्गेनाइजेशन के महासचिव राजन गुप्ता ने कहा कि हमारा सुझाव है कि बोर्ड जल्द बैठक बुलाई और इस पर फैसला ले। इस समय देश में सभी यात्राएं और अहम धार्मिक स्थल बंद है। ऐसे हालात में यात्रा का संचालन करना काफी कठिन हो गया है।