लद्दाख में अब नहीं थमेंगे वाहनों के पहिए, मिली विशेष विंटर ग्रेड डीजल की सौगात
सैन्य दृष्टि से अति महत्वपूर्ण बर्फीली तूफानों के बीच भी लद्दाख क्षेत्र में डीजल की गाड़ियां दौड़ सकेंगी।
जम्मू, जेएनएन । सैन्य दृष्टि से अति महत्वपूर्ण बर्फीली तूफानों के बीच भी लद्दाख क्षेत्र में डीजल की गाड़ियां दौड़ सकेंगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख क्षेत्र के लिए विशेष विंटर ग्रेड डीजल उपलब्ध कराने की योजना को हरी झंडी दिखाई। इंडियन ऑयल की पानीपत की रिफाइनरी में तैयार यह डीजल माइनस 33 डिग्री सेल्सियस तापमान पर नहीं जमता है। दरअसल, लद्दाख में तापमान की गिरावट के साथ सर्दियों में सामान्य डीजल जम जाता है। इससे गाड़ियां चलाने में परेशानी होती है।
अमित शाह ने लद्दाख के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाना लद्दाख के लिए सही कदम है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ ही लद्दाख के लोगों की सालों से लंबित मांग और आकांक्षाएं पूरी होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लद्दाख के समुचित विकास के लिए 50 हजार करोड़ की लागत से बिजली, सौर ऊर्जा, शिक्षा और पर्यटन की योजनाओं को पूरा कर रही है। इसके तहत लद्दाख में 7,500 मेगावाट की क्षमता वाला सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है और नौ मेगावाट की पनबिजली परियोजना शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही बजट में लद्दाख के लिए निर्धारित बजट राशि को खर्च करने की अवधि की अनिवार्यता को भी समाप्त किया है।
लद्दाख में विंटर ग्रेड डीजल की निर्बाध आपूर्ति संभव होगी
वहीं केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धमेर्ंद्र प्रधान ने इंडियन ऑयल की मानवीय आवश्यकता और सेवा पर आधारित इस पहल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इससे लद्दाख में विंटर ग्रेड डीजल की निर्बाध आपूर्ति संभव होगी। परिवहन अगर बिना रुकावट सुचारु रूप से चलता रहेगा तो वहां लोगों के लिए रोजगार बढ़ेगा और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विशेष विंटर ग्रेड डीजल में लगभग पांच प्रतिशत बायोडीजल का मिश्रण भी है। यह डीजल वाहन के लिए बेहतर रहेगा। इसके जम जाने से भी निजात मिलेगी। यह डीजल ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मानकों पर भी खरा है।
भारतीय सेना व सुरक्षाबलों के लिए खास अहमियत
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में डीजल स्थानीय निवासियों के साथ ही भारतीय सेना व सुरक्षाबलों के लिए भी बहुत अहमियत रखता है। लद्दाख में चीन, पाकिस्तान से लगती सरहदों की रक्षा करने वाली भारतीय सेना के वाहन डीजल से चलते हैं। सर्दियों के मौसम में क्षेत्र में डीजल जम जाने के कारण बड़ी परेशानी आती थी।